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छत्‍तीसगढ़ के सरकारी दस्तावेजों में 'सेक्स' नहीं, अब जेंडर

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी दस्तावेजों में अब सेक्स के स्थान पर लिंग (जेंडर) लिखा जाएगा। इसमें 'पुरुष', 'महिला' के अलावा 'तृतीय लिंग' वर्ग का भी विकल्प दिया जाएगा। राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की अनुशंसाओं के आधार पर तृतीय लिंग वर्ग के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए यह निर्णय लिया है। राज्य सरकार के सभी विभागों, निगमों,...

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मनरेगा - क्या जीविका के अधिकार को सीमित किया जा सकता है?

राजनीति का सामान्य विद्यार्थी जानता है कि अधिकार अपने स्वभाव में सार्विक होते हैं। लेकिन क्या वह यह अनुमान लगा सकता है कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई कोई सरकार अपने बहुमत के बूते किसी सार्विक अधिकार का दायरा चंद लोगों तक सीमित कर सकती है ? महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में फेरबदल की केंद्र सरकार की हालिया योजना जीविका के सार्विक अधिकार का दायरा सीमित करने की...

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सुविधाओं से लैस होगी सांसद आदर्श ग्राम योजना- अंजनी कुमार सिंह

नयी दिल्ली : लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जन्म दिवस 11 अक्तूबर को पीएम मोदी सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाइ) की शुरुआत करने जा रहे हैं. योजना के तहत लोकसभा व राज्यसभा के सांसदों को एक गांव गोद लेनी होगा. उस गांव का विकास करना होगा. सांसद अपने पति या पत्नी के गांव को गोद नहीं ले सकते हैं. मोदी ने अपने लाल किला के भाषण में ही इसकी घोषणा की...

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बुलंद इरादों से भ्रष्ट व्यवस्था से दो-दो हाथ- डा.अशोक कुमार प्रियदर्शी

मनोरमा एक साधारण महिला जैसी ही हैं, लेकिन उनका हौसला जरूर बुलंद है. उन्हें देखकर यकीन करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन उनके पिछले सात सालों के संघर्ष गाथा को जानने के बाद यह संदेह भी दूर होता है. क्योंकि मनोरमा ने भ्रष्ट प्रशासनिक व्यवस्था के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़कर अपना हक हासिल किया. यही नहीं, उन्होंने तत्कालीन एसडीओ पर 25 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना, एसपी को जवाब...

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अबूझमाड़ की प्रसव पद्घति के सामने 'बौनी' मॉडर्न गाएनेकोलॅाजी

मो. इमरान खान, नारायणपुर। विशिष्ट आदिम संस्कृति वाले अबुझमाड़ की प्रसव पद्घति के आगे आधुनिक प्रसुति विज्ञान बौना नजर आता है क्योंकि इस पद्घति की राह पर विकसित देश निकल पड़े हैं। माड़ में महिला बैठकर बच्चे को जन्म देती है और इस देशी रीति को अब वैज्ञानिक बताया जा रहा है। यहां एक लकड़ी पर बैठकर महिला का प्रसव होता है जबकि इसके लिए अमेरिका में डेढ़ करोड़ रूपए...

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