भोपाल [ब्यूरो]। किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर विधान सभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने राज्य में प्रतिदिन आठ किसान और खेतिहर मजदूरों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए विधायकों की समिति की मांग ठुकराए जाने पर बहिर्गमन कर दिया। मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश करने का आरोप लगाया। प्रश्नकाल में किसान और खेतिहर मजदूरों की खुदकुशी का मुद्दा कांग्रेस...
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गरीबों की पहुंच से ऊपर हो रही है दिल्ली- मनोज मिश्र
नई दिल्ली । दिल्ली और एनसीआर(राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) को आम की बजाए खास आदमी का शहर बनाने की तैयारी हो रही है। इसका नतीजा यह हुआ है कि एनसीआर के कई इलाके उजड़ने के कगार पर हैं। दिल्ली के कुछ इलाकों को छोड़ दें तो दिल्ली के ज्यादातर इलाके स्लम जैसे बनते जा रहे हैं। 1483 वर्ग किलोमीटर की दिल्ली का महज पांचवा हिस्सा ही रिकार्ड में बचा है, जिसे...
More »सर्व ‘दीक्षा’ अभियान!- शिरीष खरे
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध संस्थाओं का मध्य प्रदेश में सर्व शिक्षा अभियान से जुड़ाव तो सवालों के घेरे में है ही लेकिन कोढ़ में खाज की तर्ज पर अब इस सरकारी कवायद में भ्रष्टाचार के संकेत भी मिलने लगे हैं. शिरीष खरे की रिपोर्ट. कुछ महीनों पहले जब मध्य प्रदेश में गीता को अनिवार्य रूप से स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला किया गया तब यह चौतरफा विवाद का विषय बन...
More »प्रतिरोध का कारवां- भारत डोगरा
जनसत्ता 7 नवंबर, 2012: यूपीए सरकार ने जिस तरह खुदरा कारोबार में विदेशी निवेश को आगे बढ़ाने की जिद पकड़ी है उसकी ठीक ही व्यापक आलोचना हुई है। कोई ठोस प्रमाण दिए बिना ही सरकार ने कह दिया कि इससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा, जबकि हकीकत इसके विपरीत है। कुछ समय के लिए खुदरा में बहुराष्टÑीय कंपनियों का प्रवेश जरूर चकाचौंध उत्पन्न कर सकता है, पर शीघ्र ही यह स्पष्ट...
More »गुजरात के विकास का सच
जनसत्ता 6 नवंबर, 2012: अमिताभ बच्चन जब भी रेडियो और टेलीविजन पर एक विज्ञापन ‘खुशबू गुजरात की’ करते हैं तो उनकी दिलकश आवाज और लहजे से एक बार तो मन करता है कि ‘गुजरात-2002’ को भूल कर एक साधारण पर्यटक की तरह गुजरात घूमा जाए। नरेंद्र मोदी ने, विशेषकर 2002 के बाद, मीडिया में अपनी और गुजरात की छवि सुधारने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। दरअसल, 2002 के दंगों के एक वर्ष बाद...
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