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जनसंख्या में हो रही बढ़ोतरी को धीमा करने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ाना होगा

विश्व जनसंख्या दिवस पर UNDESA की रिपोर्ट आती है. रिपोर्ट वैश्विक जनसंख्या वृद्धि के बारे में अनुमान लगती है. 15 नवंबर, 2022 तक विश्व की जनसंख्या बढ़ कर 8 बिलियन हो जाएगी साथ ही वर्ष 2023 में भारत चीन को पछाड़ते हुए दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा.  रिपोर्ट आने के साथ ही जनसंख्या वृद्धि का मुद्दा फिर से आमजन की बातचीत का विषय बन गया. इसी रिपोर्ट...

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जेंडर

खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

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यूपी चुनाव: मीठे चुनावी वादे और गन्‍ना किसानों की कड़वी सच्‍चाई

-इंडिया स्पेंड, उत्तर प्रदेश चुनाव में गन्‍ना किसानों के भुगतान का मुद्दा फिर उठ रहा है। एक ओर मौजूदा सरकार रिकॉर्ड भुगतान के दावे कर रही है। वहीं, व‍िपक्ष के नेता भुगतान में देरी की बात करते हुए सरकार बनने पर 15 द‍िन के अंदर भुगतान की बात कर रहे हैं। इन तमाम दावों और वादों से इतर किसान अपने गन्‍ने के पेमेंट की बाट जोह रहा है। उत्‍तर प्रदेश के पीलीभीत ज‍िले के किसान मनजीत...

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बजट में खाद्य और उर्वरक सब्सिडी में हो सकती है कटौती, इस साल इसके पांच लाख करोड़ से अधिक रहने की संभावना

-रूरल वॉइस, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब एक फरवरी को आगामी वित्त वर्ष 2022-23 का बजट संसद में पेश करेंगी तो उनके सामने खाद्य और उर्वरक सब्सिडी का ट्रेंड बदलने का संकेत देने की चुनौती होगी। चालू वित्त वर्ष में राजनीतिक फायदे के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत फ्री अनाज का आवंटन मार्च तक जारी रखने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों और उनके कच्चे माल की कीमतों में...

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पांच राज्यों में चुनाव: डिजिटल प्रचार से फायदा किसका

-न्यूजलॉन्ड्री,  जैसे- जैसे पांचों राज्यों के चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे- वैसे राजनीतिक दलों और नेताओं का प्रचार तेज हो गया है. लेकिन इस बार का चुनाव एक अलग अंदाज में होने जा रहा है. दरअसल इस बार हमेशा की तरह बड़ी-बड़ी रैलियां नहीं देखने को मिलेंगी. ऐसा इसलिए क्योंकि चुनाव आयोग ने कोरोना के चलते पांचों राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में बड़े पैमाने पर सभाओं...

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