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डिजिटल क्रांति के खतरे : केविन रैफर्टी

कल्पना करें कि बड़े पैमाने पर सर्वर डाउन या पॉवर फेल की स्थिति में क्या होगा? या अगर विध्वंसक इरादों वाले किन्हीं उन्मादियों ने डिजिटल तंत्र पर कब्जा कर लिया तो क्या परिणाम होंगे? डिजिटल क्रांति के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसके कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था का केंद्र उत्पादन के स्थान पर वितरण की ओर खिसक रहा है। पहले एक अच्छी खबर : डिजिटल क्रांति अभी शुरू ही...

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एनआरएचएम घोटाला: उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री सीबीआई पूछताछ के लिए हुए पेश

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (एजेंसी) केंद्रीय जांच ब्यूरो :सीबीआई: ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा से राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन :एनआरएचएम: में धन की हेराफेरी और तीन शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारियों की हत्या के मामले में आज यहां पूछताछ की। सूत्रों ने बताया कि कभी उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के करीबी रहे कुशवाहा आज सुबह सीबीआई मुख्यालय पहुंचे जहां उनसे परिवार कल्याण मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल तथा...

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डॉक्टरों के खिलाफ फूटा गुस्सा, सड़कों पर उतरे लोग!

प्रदेश के विभिन्न अंचलों से.डॉक्टरों की हड़ताल के विरोध में मंगलवार को प्रदेशभर में प्रदर्शन हुए। सीकर, झुंझुनूं, बीकानेर व जोधपुर में कहीं रैली निकाली गई तो कहीं बाजार बंद रहे। डॉक्टरों की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ किए गए। उधर, डॉक्टरों की हड़ताल सातवें दिन भी जारी रहने से चिकित्सा व्यवस्थाएं चरमराई रहीं। पुलिस ने अब तक 500 डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है।जोधपुर में आर्यवीर दल के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को हड़ताली...

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में 2.54 करोड़ परिवार शामिल

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (एजेंसी) सरकार ने आज बताया कि अभी तक 2.54 करोड़ से अधिक परिवारों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल किया गया है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एस पक्कीरप्पा के प्रश्न के लिखित उत्तर में श्रम एचं रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार ने अक्तूबर 2007 को असंगठित क्षेत्र में गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले परिवारों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना...

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रेहड़ी-पटरी वालों को न भूलें- भारत डोगरा

चारों तरफ से पड़े दबाव के कारण केंद्र सरकार ने रिटेल में एफडीआई का फैसला फिलहाल भले ही मुलतवी कर दिया है, लेकिन आज नहीं, तो कल वह इसे लागू करेगी ही। प्रासंगिक सवाल यह है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों को बुलाने वाली सरकार को आज रेहड़ी-पटरी वालों के प्रति अपनी जिम्मेदारी की याद भला कौन और कैसे दिलाए। पर सरकार को यह याद दिलाना जरूरी है, क्योंकि अर्थव्यवस्था में रोजगार सृजन के...

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