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कोविड-19 संक्रमण की आपराधिक जवाबदेही तबलीग़ी जमात के माथे ही क्यों है?

-द वायर,  कोविड-19 के बाद दुनिया पहली जैसी नहीं रहेगी. ऐसे में जबकि अपने अत्याधुनिक स्वास्थ्य ढांचे के बावजूद पश्चिम के विकसित देशों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है. यह जाहिर है कि मानवता को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति से निपटने के नए तरीकों की खोज करनी होगी. ख़ासतौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका को इस बात का एहसास जरूर हो रहा होगा कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध पर इसके द्वारा...

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अप्रैल अंत तक चीनी के उत्पादन में आई 20 फीसदी की गिरावट, 35 लाख टन के हुए निर्यात सौदे

-आउटलुक, पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 के पहले सात महीनों में चीनी के उत्पादन में 19.80 फीसदी की कमी आकर कुल 258.01 लाख टन का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान 321.71 लाख टन का उत्पादन हुआ था। चालू पेराई सीजन में अभी तक करीब 35 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हुए हैं, हालांकि पिछले दो महीनों में विश्व बाजार...

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क्यों भारत ही नहीं पूरी दुनिया को लॉकडाउन से जल्द निजात मिलना मुश्किल है

-सत्याग्रह, दुनिया पर कोरोना वायरस की मार जारी है. इसके संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा दो लाख पार कर चुका है. 30 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में हैं. संकट को काबू करने की कोशिशें जारी हैं. इसके लिए जो उपाय अपनाए जा रहे हैं उनमें से एक लॉकडाउन भी है. लोगों के घर से बाहर निकलने पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. एक अनुमान के...

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खिल उठा पर्यावरण हवा-पानी हुआ शुद्घ

-इंडिया टूडे,   वातावरण ऐसे खिल उठा है, मानो लॉकडाउन उसके लिए वरदान बनकर आया. यकीनन, कोरोना वायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए 24 मार्च से लागू लॉकडाउन गरीब-गुरबों और प्रवासी मजदूरों के लिए आफत बनकर आया है लेकिन इसका एक नतीजा हर तरह के प्रदूषण में भारी कमी के रूप में दिख रहा है. वाकई, यह सुखद एहसास पैदा करता है. मानो प्रकृति अपने मूल स्वरूप में लौट गई है....

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फेक न्यूज़, कोरोना महामारी, मुसलमान और सूचना की राजनीति

-न्यूजलॉन्ड्री, सरकार और फेक न्यूज़ यह बड़ा विरोधाभासी लगता है कि हम कोरोना महामारी का इलाज बड़ी गंभीरता से खोज रहे हैं. जिसका इलाज भरसक कोशिशों के बावजूद अब तक संभव नहीं हुआ है. लेकिन ‘फेक न्यूज़’ से उत्पन्न हो रहे निरंतर खतरों को खतरा या बीमारी मानने को तैयार नही हैं, जबकि इसका इलाज हमारे नियंत्रण में है. इसमें एक तर्क हो सकता है कि अभी हमारी सरकार को ‘फेक न्यूज़’ से...

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