केंद्र सरकार महंगाई और औद्योगिक मोर्चे पर मुश्किल में घिरती दिख रही है। नवंबर में खुदरा महंगाई इस साल सबसे ज्यादा 11.24 फीसदी तक पहुंच गई है, जबकि औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी गिर गया है। महंगाई जहां आम आदमी की कमर तोड़ रही है वहीं, उद्योग सुस्ती के भंवर में फंस चुके हैं। खाने-पीने की चीजों पर 14.72 फीसदी तक पहुंची महंगाई आम जनता के साथ सरकार पर भी भारी पड़...
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भारी आयात होने से खाद्य तेल सस्ते
महंगाई के दौर में खाद्य तेलों की कीमतों में आई गिरावट से उपभोक्ताओं को राहत मिली है। घरेलू बाजार में महीने भर में खाद्य तेलों की कीमतों में 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। ब्याह-शादियों का सीजन चल रहा है, जिससे खाद्य तेलों में मांग तो अच्छी है लेकिन कुल उपलब्धता मांग के मुकाबले ज्यादा होने के कारण कीमतों में और भी गिरावट आने की संभावना...
More »आयातित खाद्य तेलों पर निर्भरता और बढ़ी
खाद्य तेलों के परिदृश्य पर कृषि मंत्रालय की आंतरिक रिपोर्ट खाद्य तेलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च तो कर रही है इसके बावजूद विदेशों से आयातित खाद्य तेलों पर निर्भरता लगातार बढ़ रही है। देश में वर्ष 2001-02 में कुल खपत के 56 फीसदी खाद्य तेलों का घरेलू उत्पादन हो रहा था जबकि वर्ष 2012-13 में...
More »एमपी के 21 में से सिर्फ 2 सेज चालू हो पाए- शमशेर सिंह
विशेष आर्थिक क्षेत्र यानि सेज के प्रति डेवलपर कंपनियों और निर्यातकों की दिलचस्पी घटने के बाद पिछले मार्च में केंद्र सरकार ने इनके आकार में छूट देने की पहल की। इसके अलावा जमीन के उपयोग में ज्यादा आजादी और ऐसे प्रोजेक्ट से बाहर निकलने के लिए आसान प्रक्रिया बनाई गई थी। लेकिन सरकार ने कोई टैक्स छूट देने से साफ इंकार...
More »‘मुझे अब भी यकीन नहीं होता कि मैं आजाद हो गई हूं’
हाल ही में दिल्ली और हरियाणा के सोनीपत से छुड़ाई गई दो लड़कियों की कहानी तहलका की उस पड़ताल की पुष्टि करती है कि असम के लखीमपुर से बड़ी संख्या में लड़कियों की तस्करी करके उन्हें बंधुआ मजदूरी के नरक में धकेला जा रहा है. प्रियंका दुबे की रिपोर्ट. उत्साह और ऊर्जा से भरी 17 साल की जुलिता को देखकर पहली नजर में यकीन करना मुश्किल है कि वह अभी-अभी बंधुआ मजदूरी,...
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