जम्मू, जागरण ब्यूरो : कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी की योजना के तहत मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विस्थापित युवाओं के लिए तीन हजार सरकारी नौकरियों को मंजूरी दी है। फास्ट ट्रैक पर होने वाले इस विशेष भर्ती अभियान के तहत विस्थापित कश्मीरी पंडित युवाओं की भर्ती राज्य भर्ती बोर्ड करेगा। उन्हें कश्मीर डिवीजन में ही नौकरी करनी होगी। कश्मीर डिवीजन में ये नियुक्तियां शिक्षा, समाज कल्याण, रिलीफ, इंजीनियरिंग, वित्ता, पर्यटन, स्वास्थ्य व राजस्व विभाग में...
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नई सरकार का गरीबों को तोहफा
रांची। सत्ता में आते ही शिबू सरकार ने सूबे को नए वर्ष का तोहफा दे दिया है। गरीबों को अत्यंत सस्ते दर पर प्रतिमाह 35 किलो अनाज दिया जाएगा। वृद्धावस्था पेंशन की राशि भी बढ़ाई जाएगी। गरीबी रेखा सूची को सुधारा जाएगा और छूटे नामों को नयी सूची में शामिल करते हुए नये राशनकार्ड निर्गत किये जाएंगे। शपथग्रहण समारोह के बाद प्रोजेक्ट भवन में नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक के बाद शिबू ने...
More »महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण की सहमति
भुवनेश्वर। उड़ीसा सरकार ने पौर परिषद चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षणकी स्वीकृति प्रदान की है। केन्द्र सरकार महिलाओं को पौर परिषद चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण करने के क्षेत्र में संविधान की धारा 243 में संशोधन के लिए विभिन्न राज्यों से मत मांगा था। राज्य नगर विकास विभाग सचिव डा. अरुण कुमार पंडा ने उड़ीसा राज्य की ओर से केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर जानकारी देते हुए कहा कि...
More »हर व्यक्ति को दो वक्त की रोटी प्राथमिकता
रांची। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद शिबू सोरेन ने बुधवार को कहा कि समाज के सबसे निचले तबके तक शासन को पहुंचाना और हर व्यक्ति को दो वक्त की रोटी के साथ काम उनकी प्राथमिकता है। पेट में अनाज और खेत में पानी उनकी पहली प्राथमिकता है। यह हो जाएगा, सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी। [गरीबों का कल्याण प्राथमिकता : रघुवर] प्रदेश के अंदर सुशासन कायम करते हुए गरीबों...
More »जजों की कमी से लंबित हो रहे मुकदमे
लखनऊ। भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन ने कहा कि अदालतों में लंबित मुकदमों की फेहरिस्त जजों की कमी की वजह से बढ़ती जा रही है। अदालतों में अवस्थापना सुविधाओं की कमी शिद्दत से महसूस की जा रही है। न्यायालयों में पर्याप्त संख्या में कोर्ट नहीं हैं। दु:खद तो यह है कि कई राज्य सरकारें अदालतों के विकास में दिलचस्पी नहीं ले रही हैं। यदि अदालतों में स्वीकृत संख्या के अनुरूप जजों की तैनाती...
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