नई दिल्ली। देश भर के सूचना आयोगों का प्रदर्शन जानने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर हुआ एक अध्ययन कहता है कि आयोगों का दरवाजा खटखटाने वाले 100 में से महज 27 लोगों को ही चाही गई जानकारी मिल पाती है और अपीलकर्ता के पक्ष में जारी होने वाले 39 फीसदी आदेश ही लागू हो पाते हैं। मैगसायसाय पुरस्कार सम्मानित अरविंद केजरीवाल ने वर्ष 2008 के आरटीआई पुरस्कारों के लिए अपने...
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कुपोषण-मछरी जल बीच मरत पियासी
कुपोषण के बारे में अक्सर मान लिया जाता है कि यह तो गरीब राज्यों का लक्षण है और अपेक्षाकृत समृद्ध राज्य कुपोषण को मिटाने की राह पर हैं। लेकिन सच्चाई इसके उलट है। कुपोषण की शिकार महिलाओं और औसत से कम वजन के बच्चों की एक बड़ी तादाद धनी माने जाने वाले राज्यों में मौजूद है और ध्यान रहे कि इन दोनों को मानव-विकास के निर्देशांक में बड़ा महत्वपूर्ण माना जाता...
More »वाई एस आर- एक नाम गरीबों के दर्दमंद का
कोई कहता था वाई एस राजशेखर रेड्डी तो कोई सिर्फ वाई एस आर । मेडिकल की पढ़ाई फिर प्रैक्टिस और उसके बाद राजनीति में उतरे आंध्रप्रदेस के मु्ख्यमंत्री राजशेखर रेड्डी का आकस्मिक और दुखद निधन अधिकारों के दायरे को बढ़ाकर भारत का विकास करने वाली सोच पर एक आघात की तरह है। राजशेखर रेड्डी ने नरेगा और वृद्धावस्था पेंशन जैसे सैकड़ों ग्रामीण विकास योजनाओं को लागू करने में अग्रणी भूमिका...
More »रियायती दालों की राशन पर बिक्री फरवरी तक!
केंद्र सरकार राशन की दुकानों के जरिये रियायती दालों की बिक्री छह महीने और जारी रखने पर विचार कर रही है। सरकार अगले साल फरवरी तक दालों की राशन की दुकानों से बिक्री जारी रख सकती है। हालांकि राज्य दालें उठाने में उदासीन बने हुए हैं। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि मूल्यों में बढ़ोतरी पर अंकुश लगाने के लिए स्कीम को छह महीने और लागू रखने पर विचार हो...
More »एक साल में चावल 13% और गेहूं 4% महंगा
नई दिल्ली : पिछले एक साल के दौरान कमोडिटीज की कीमतों में जिस तरह बढ़ोतरी दर्ज की गई है उससे आने वाले वक्त में गरीबों के लिए जरूरी वस्तुओं को मुहैया कराने के लिए सरकार को इन वस्तुओं का वितरण तंत्र बेहतर बनाने की जरूरत होगी। एसोचैम ईको पल्स स्टडी में कहा गया है कि मांग और आपूर्ति में मौजूद अंतर की वजह से पिछले साल अगस्त से इस साल...
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