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सुधार का कोई रास्ता नहीं दिखता ।। संजय मिश्र की प्रस्तुति ।।

- झारखंड के बाद बिहार से पंचायतनामा प्रकाशन की तैयारियों के सिलसिले में जिलों से लेकर ब्लॉक और पंचायत तक की यात्रा पर निकला. इस दौरान बीडीओ-सीओ से लेकर डीएम-एसपी से मुलाकात हुई. मुलाकातों में चर्चा व सवाल का केंद्र था—आखिर लोकल गवर्नेस में सुधार कैसे हो सकता है और इस सुधार में पंचायती राज की क्या भूमिका है और क्या हो सकती है? अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों ने इस आग्रह के साथ...

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मुखिया को ठेकेदार मत बनाइए- टी आर रघुनंदन

इन दिनों देश के प्रशासनिक ढांचे में आमूल-चूल बदलाव लाने की कोशिश की जा रही है. सैद्धांतिक रूप से यह मान लिया गया है कि प्रशासन का ब्रिटिश ढांचा भारतीय परिस्थिति में नहीं सफल हो रहा. महात्मा गांधी ने जो गांवों के सरकार की कल्पना की थी वही देश को ढंग से चलाने का कारगर तरीका हो सकता है. इसके लिए कई सालों से विकेंद्रीकरण की कोशिशें की जा रही...

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मुखिया को ठेकेदार मत बनाइए- टी आर रघुनंदन से प्रभात खबर के पुष्यमित्र की बातचीत

इन दिनों देश के प्रशासनिक ढांचे में आमूल-चूल बदलाव लाने की कोशिश की जा रही है. सैद्धांतिक रूप से यह मान लिया गया है कि प्रशासन का ब्रिटिश ढांचा भारतीय परिस्थिति में नहीं सफल हो रहा. महात्मा गांधी ने जो गांवों के सरकार की कल्पना की थी वही देश को ढंग से चलाने का कारगर तरीका हो सकता है. इसके लिए कई सालों से विकेंद्रीकरण की कोशिशें की जा रही...

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तीन दिन में 600 ग्रामीणों ने बना डाली 20 किमी सड़क

गोइलकेरा (जमशेदपुर). नक्सलवाद प्रभावित झारखंड के 10 गांवों ने सरकार के आगे हाथ फैलाने बंद कर दिए हैं। इन गांवों के 600 लोगों ने प्रशासनिक मुख्यालय गोइलकेरा तक पहुंचने के लिए बदहाल 20 किलोमीटर सड़क अपने ही दम पर बना ली है। महज तीन दिनों में। नक्सलवादियों के आतंक और सरकारी मशीनरी की उपेक्षा के बीच यह आत्मनिर्भरता का अनूठा उदाहरण है। यह प्रयास गोइलकेरा के सबसे पिछड़े व सुदूरवर्ती पंचायत गमहरिया में...

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लाभार्थियों को कम मिल रहा अनाज

फलका (कटिहार), निज संवाददाता : गरीबों के खाद्यान्न की हकमारी करना डीलरों की नियति बन चुकी है। प्रशासन के सख्त निर्देश के बावजूद फलका प्रखंड अंतर्गत रहटा पंचायत में डीलर द्वारा लाभार्थियों को चावल व गेहूं दो-दो किलो कम देने तथा निर्धारित से अधिक कीमत वसूलने का मामला प्रकाश में आया है। गत सोमवार को खाद्यान्न वितरण के दौरान जब ग्रामीणों द्वारा कम राशन देने का विरोध किया गया तो उल्टे...

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