पर्यावरण संरक्षण की दुहाई देकर सभी तरह की कारों पर अतिरिक्त टैक्स का बोझ डाला गया है लेकिन इससे जीवनशैली पर खासा असर पड़ने वाला है। अमीरों के साथ-साथ मध्यम वर्ग पर भी चपत लगाई गई है। छोटी कार अब मध्यम वर्ग की जरूरतों में शुमार है। बैंक ऋण को आसान बनाकर पहले इसे सुलभ बनाया गया और अब इसकी कीमत में बढ़ोतरी कर सरकार मध्यम वर्ग पर बोझ डालने की...
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यूरोप के वृक्षों से गर्म हो रही धरती!
यह आम धारणा है कि वृक्ष धरती को ठंडा बनाये रखते हैं. साथ ही ये धरती के वायुमंडल में पैदा होनेवाली कार्बन डाइऑक्साइड को भी सोखते हैं. वृक्षों की पत्तियां, डालियां, तने आदि मिल कर सालाना करीब 2.4 बिलियन मीट्रिक टन कार्बन को सोखती हैं. लेकिन एक नये शोध अध्ययन में पाया गया है कि सभी वृक्ष यह काम नहीं करते और कुछ वृक्ष ऐसे हैं, जो धरती को ठंडा...
More »प्रदूषण का प्रवाह
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गंगा में प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों पर एक बार फिर नकेल कसने की कोशिश की है। हरिद्वार से कानपुर के बीच स्थित उन तमाम उद्योगों को कारण बताओ नोटिस भेजा है, जिनका प्रदूषित पानी और रासायनिक कचरा सीधे गंगा में आकर मिलता है। एनजीटी ने औद्योगिक इकाइयों से पूछा है कि उन्होंने प्रदूषण रोकने के लिए क्या उपाय किए हैं। क्यों न प्रदूषण नियंत्रण...
More »इस मौसम में ही सूख रही यमुना… अागे क्या होगा-- सुरेन्द्र मेहता
सरस्वती लुप्त हो चुकी है, उसकी खोज चल रही है; गंगा मैली हो गई है, उसकी सफाई के प्रयास हो रहे हैं; यमुना सूख रही है, उसे बचाने की जरूरत है। हथनीकुंड बैराज इन दिनों पानी की कमी के चलते वीरान है। अभी सालभर में मात्र नौ माह ही यमुना में पानी रहता है। बाकी दिनों मेें त्योहार व पर्व पर इसमें स्नान करने तक के लिये जल नहीं होता।...
More »बिना उजाड़े भी विकास संभव सिक्किम दिखा रहा है राह
कहते हैं कि तरक्की के लिए कुछ समझौते करने पड़ते हैं. बात करें किसी राज्य की तरक्की की, तो सबसे ज्यादा खामियाजा उठाना पड़ता है उसके वनों और खेतों को़ चूंकि उन्हें उजाड़कर कल-कारखाने और कॉलोनियां बसायी जाती हैं. लेकिन देश के छोटे राज्यों में शुमार, सिक्किम ने अपनी नीतियों की बदौलत वनों को बचा-बढ़ाकर और जैविक कृषि को अपनाकर और यह धारणा तोड़ी है़ सेंट्रल डेस्क आज भौतिक तरक्की की...
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