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प्रधान ने बेच दिया मध्यान्ह भोजन का चावल

दुर्गूकोंदल. मिडिल स्कूल मेड़ों में प्रधान पाठक द्वारा मध्यांह भोजन चावल बेचने को लेकर हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। संबंधित शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश है। मामले की जांच करते खंड शिक्षा अधिकारी ने जांच प्रतिवेदन सहायक आयुक्त और जिला शिक्षा अधिकारी को भेज...

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300 लखपतियों की पंचायत है बांक

देवघर के मोहनपुर प्रखंड का सबसे समृद्घशाली पंचायत है यह. घोरमारा पेड़ा बाजार है इस पंचायत का प्रमुख उद्योग. देश-विदेश के लोग रुकते हैं पंचायत में. उमेश यादव मोहनपुर प्रखंड का बांक पंचायत. इस पंचायत की नाम जितनी छोटी है, दर्शन उतने ही बड़े हैं. तीन प्लेटफॉर्म वाला रेलवे स्टेशन, स्टेट हाइवे, डाकघर, दो-दो बैंक शाखाएं, प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, उच्च विद्यालय, डाक बंगला, बड़े-बड़े तालाब, एक महीने में 10 करोड़ से अधिक...

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होम्योपैथी से जनसेवा करते डॉ दास

फारबिसगंज : फणीश्वरनाथ रेणु की धरती है फारबिसगंज. वर्षो से यहां साहित्य की धारा बही है. इस क्षेत्र के ही एक ख्यातिप्राप्त डॉक्टर हैं, डीएल दास. 64 वर्षीय दास ने होम्योपैथी चिकित्सा से हजारों मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया है. इस उम्र में भी वह होम्योपैथिक दवाइयों पर रिसर्च कर रहे हैं. साथ ही वह रडार होम्योपैथी सॉफ्टवेयर जैसी आधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. डॉ डीएल दास का पूरा नाम...

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पुलिस के आंकड़ों ने खोला राज, हर तीसरे दिन होती है एक मौत क्योंकि...

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक राजधानी में हर तीसरे दिन दहेज की खातिर एक की मौत हो जाती है।   गृह मंत्रालय ने पिछले सत्र में संसद में दिल्ली पुलिस के आंकड़े पेश किए, जिसके मुताबिक बीते चार साल 2008, 2009, 2010, 2011 में दहेज के लिए मौत की धारा के तहत 689 लोगों को गिरफ्तार किया, इनमें से महज 207 के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल हो सका और...

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मीडिया स्टडीज ग्रुप का सरकारी हिंदी वेबसाइट का सर्वेक्षण

मीडिया स्टडीज ग्रुप का सरकारी हिंदी वेबसाइट का सर्वेक्षण सरकार की वेबसाइटों पर हिंदी की घोर उपेक्षा दिखाई देती है। हिंदी को लेकर भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय, विभाग व संस्थान के साथ संसद की वेबसाइटों के एक सर्वेक्षण से यह आभास मिलता है कि सरकार को हिंदी की कतई परवाह नहीं हैं। सर्वेक्षण में शामिल वेबसाइटों के आधार पर यह दावा किया जा सकता है कि हिंदी भाषियों के एक भी मुकम्मल सरकारी वेबसाइट...

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