अगर कोई पूछे कि मुंबई महानगर में झोपड़ बस्तियों को हटाने की दिशा में जो काम हो रहा है, उसका क्या असर पड़ा है तो इस सवाल का एक जवाब ये भी हो सकता है- आने वाले दिनों में झोपड़ बस्तियों की संख्या बढ़ सकती है. मुंबई महानगर का कानून है कि जो बस्ती लोगों के रहने लायक नहीं है, उसे स्लम घोषित किया जाए और वहां बस्ती सुधार की योजनाओं...
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दूध की किल्लत से निपटने के लिए सरकार लेगी आयात का सहारा
नई दिल्ली : सरकार देश में दूध और उसके उत्पादों की कमी को देखते हुए स्किम्ड मिल्क पाउडर और बटर ऑयल के आयात को मंजूरी देने पर विचार कर रही है। एक सरकारी ...
More »श्रमिक हितों पर मंत्रालय के कड़े तेवर
देहरादून। राज्य में संगठित व असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को सूचीबद्ध करने के लिए होमवर्क शुरू कर दिया गया है। श्रम मंत्रालय यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश में है कि उत्तराखंड में स्थापित उद्योगों में 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है अथवा नहीं। श्रमिकों को स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ दिलाने तथा बंधुआ मजदूरों को वास्तविक संख्या जानने के लिए भी मंत्रालय ने कदम उठाए हैं। राज्य में संगठन व...
More »वरदान या अभिशाप- बहस बीटी बैंगन की
ट्वीटर जैसे सोशल नेटवर्क पर अब बहस बैंगन पर आ टिकी हैं और ग्रीन पीस इंडिया जैसे संगठन ने आनुवांशिक रुप से परिवर्धित फसलों के खिलाफ जनमत बनाने के लिए सचमुच दुनिया का सबसे नायाब बैंगन का भर्ता बनाने की ठान ली है।बीटी बैंगन के खिलाफ बहस की आंच तेज हो रही है और बैंगन का सवाल अचानक आनुवांशिक रुप से परिशोधित फसलों की जमीन तैयार करने या फिर उनकी...
More »जलवायु परिवर्तन पर सहमति संभव नहीं : भारत
दावोस (स्विटजरलैंड ) : जलवायु परिवर्तन की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले शीर्ष अधिकारी श्याम शरण ने कहा है कि इस मुद्दे पर दुनिया के देशों के बीच आम सहमति बन पाना संभव नहीं है. श्री शरण ने यहां व्यापार एवं नीतियों को लेकर हो रहे सम्मेलन में कहा कि यदि आर्थिक मंदी का दौर जारी रहता है या फ़िर आने वाले वषाब में स्थिति और खराब हुयी तो फ़िर ऐसी स्थिति में...
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