जिनेवाः भारत में कालेधन पर जारी बहस के बीच स्विस बैंक के अधिकारियों ने कहा कि स्विटजरलैंड के बैंकों में रखे गये विदेशी नागरिकों के कुल धन में भारतीय नागरिकों का हिस्सा बहुत कम है और यह महज 0.07 प्रतिशत है. स्विटजरलैंड के केंद्रीय बैंक स्विस नेशनल बैंक एसएनबी के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2010 के अंत में स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों और कंपनियों की कुल जमा राशि 2.5...
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सरकार बनाम सिविल सोसायटी- कुलदीप नैयर
भारत में सिविल सोसाइटी सरकार को एक गतिशील जन लोकपाल विधेयक को स्वीकार कराने में सफल नहीं हो सकी। फिर भी इस गतिविधि के मुख्य केंद्र गांधीवादी अन्ना हजारे ने आंदोलन तथा अनशन की जो चेतावनी दी है, उसने सरकार के मन में परमात्मा का भय तो बैठा ही दिया। उसने अपने परिवेश की स्वच्छता की दिशा में शुरुआत कर दी है। दो दूरसंचार मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देने को बाध्य किए...
More »छत्तीसगढ़ में एसपीओ और सुप्रीम कोर्ट - कनक तिवारी
जुलाई 2011 को सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त होते बी. सुदर्शन रेड्डी और सुरेन्दर सिंह निज्जर की पीठ ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए छत्तीसगढ़ शासन के उन आदेशों को निरस्त कर दिया है, जिनके अनुसार बस्तर में नक्सलियों से निपटने के लिए विशेष पुलिस कर्मी (एसपीओ) को भरती कर मजबूर, गरीब और लगभग अशिक्षित आदिवासी युवकों के हाथों में कथित आत्मसुरक्षा के नाम पर बंदूकें थमा दी गई थीं....
More »मुद्दा: लोकपाल पर लोक मत
क्या प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में रखा जाना चाहिए और क्या लोकपाल को किसी के प्रति जवाबदेह बनाया जाना चाहिए सवालों पर हमने विभिन्न क्षेत्र के ख्यातिलब्ध हस्तियों की राय जानी जो इस प्रकार है। प्रधानमंत्री को लोकपाल के अधीन होना चाहिए। स्वच्छ और पारदर्शी व्यवस्था के लिए ऐसा होना बेहद जरूरी है। लोकपाल को जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। उसे जनता द्वारा ही चुना जाना चाहिए।...
More »असल संत की अंत कथा- आशीष खेतान और मनोज रावत
गंगा को लेकर संतों और खनन माफिया के बीच छिड़ी लड़ाई में उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने एक नहीं बल्कि बार-बार और खुल्लमखुल्ला खनन माफिया का साथ दिया है. स्वामी निगमानंद की मौत के पीछे का सच सामने लाती आशीष खेतान और मनोज रावत की विशेष पड़ताल बाबा रामदेव को ध्यान खींचने की कला आती थी. स्वामी निगमानंद के पास यह हुनर नहीं था. इसलिए एक ओर रामदेव विदेशों में जमा...
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