भारत ने तरक्की की राह पर लंबा सफर तय तो कर लिया लेकिन लोगों की भूख मिटाने में उसे अब तक कामयाबी नहीं मिली. हर दिन दो वक्त की रोटी से महरूम लोगों की तादाद में कोई खास कमी नहीं आई है. अमेरिकी नीति निर्धारण संस्था का दावा. दुनिया भर में 92.5 करोड़ लोग भूख और कुपोषण के शिकार है. हर छह सेकेंड में कहीं न कहीं कोई बच्चा भूख के...
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विश्व के 35 फीसदी निरक्षर भारत में
नयी दिल्लीः 8सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस के पहले जारी एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि शिक्षा का अधिकार, सर्वशिक्षा अभियान आदि जैसी कई पहलों और प्रगति के बावजूद भारत में विश्व की 35 फीसदी निरक्षर आबादी भारतीयों की है और उसकी 68 प्रतिशत साक्षरता दर वैश्विक साक्षरता दर 84 प्रतिशत से काफी पीछे है. इस साक्षरता दर में महिला पुरूष भेदभाव गहरा है जहां पुरूष वयस्क साक्षरता दर 76.9...
More »आएगा सोने सरीखा चावल
लुधियाना [बिंदु उप्पल]। अब चावल पेट ही नहीं भरेगा, ताकत भी देगा। फिलीपींस में ईजाद धान की एक किस्म का उत्पादन अपने देश में भी होगा। भारतीय कृषि वैज्ञानिक इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, जिसमें उनको सफलता भी मिली है। इस किस्म का नाम गोल्डन राइस है। इसका चावल गरीबों का ठोस आहार बन सकेगा। इसमें आयरन, जिंक व विटामिन ए जैसे पौष्टिक तत्वों की प्रचूर मात्रा है। इस...
More »वेदांत- हिन्दुत्व और साम्राज्यवादी मंसूबों का विध्वसंक मिश्रण- रोजर मूडी
विभिन्न देशों के कानून और पर्यावरण नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने में वेदांत रिसोर्सेज़ की एक अलग पहचान है. कहने को तो यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है मगर इसमें वर्चस्व खुले तौर पर केवल एक व्यक्ति, उसके परिवार और इष्ट मित्रों का ही है. इस कम्पनी को इस बात पर भी नाज़ है कि वह हिन्दुत्व और नव-उदार रूढ़िवादिता में समन्वय स्थापित करती है. परेशानी की बात...
More »बेहाल बुंदेले बदहाल बुंदेलखंड - 2
सही है कि पूरे बुंदेलखंड में लगभग 2 लाख 80 हजार कुओं में से अधिकतर बेकार पड़ गए हैं - या तो मरम्मत के अभाव में वे गिर गए हैं या वे सूख गए हैं- लेकिन थोड़े-से रुपए खर्च करके उन्हें फिर से उपयोग के लायक बनाया जा सकता है. मगर पंचायतों और अधिकारियों का सारा जोर नए कुएं-तालाब खुदवाने पर अधिक रहता है. एेसा इसलिए होता कि इनमें ठेकेदारों,...
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