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ऑस्ट्रेलिया में अडाणी के कोयला खान प्रोजेक्ट की मंजूरी रद्द

मेलबर्न। खनन क्षेत्र की घरेलू कंपनी अडाणी के ऑस्ट्रेलिया में दुनिया के सबसे बड़े कोयला खान प्रोजेक्ट की योजना बुधवार को अधर में लटक गई। ऑस्ट्रेलिया की अदालत ने 16.5 अरब डॉलर (करीब 1,000 अरब रुपए) के प्रोजेक्ट को दी गई पर्यावरण संबंधी मंजूरी रद्द कर दी। एक रिपोर्ट के मुताबिक मंजूरी इसलिए रद्द की गई क्योंकि अदालत ने पाया कि पर्यावरण मंत्री ग्रेग हंट ने गैलिली बेसिन में दो संकटग्रस्त...

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'इस देश में महिला के रूप में जन्म लेना गुनाह से कम नहीं'

भोपाल(मध्‍यप्रदेश)। 'मैं केवल यही दुआ कर सकती हूं कि इस देश में कोई महिला के रूप में जन्म न ले। देश में महिला के रूप में जन्म लेना किसी गुनाह से कम नहीं है।' यह दर्द मध्यप्रदेश कैडर की ट्रेनी आईएएस का है। यौन उत्पीड़न की शिकार हुई इस अफसर ने कहा, यहां तो हर शाख पर उल्लू बैठा है। केस दर्ज करवाने और बयान रिकॉर्ड करवाने के दौरान उन्होंने...

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फंदे में फांसी- विशेष प्रस्तुति(प्रभात खबर)

फांसी की सजा को खत्म करने पर एक बहस दुनियाभर में सालों से चल रही है. भारत में भी मुंबई धमाकों के दोषी याकूब मेमन की फांसी दिये जाने से पहले 291 प्रतिष्ठित लोगों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिख कर फांसी रोकने की मांग की थी.  भारत उन देशों में शामिल है, जहां फांसी की सजा पर अमल नहीं के बराबर हो रहा है. हालांकि जघन्यतम अपराध के दोषियों में...

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शिक्षा को 'व्यापार' बनाने के खतरे - हरि जयसिंह

कहा जाता है कि विकास केवल स्वतंत्र और पारदर्शी माहौल में ही संभव है। शैक्षिक और अकादमिक जगत के लिए भी यह सच है। शैक्षिक जगत में स्वतंत्रता और पारदर्शिता को केवल तभी कायम रखा जा सकता है, जब महत्वपूर्ण पदों पर चयन और नियुक्तियों में केवल और केवल योग्यता का खयाल रखा जाए और किसी तरह का कोई पक्षपात न किया जाए। वास्तव में गुणवत्ता के मानदंड शैक्षिक प्रक्रिया...

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क्यों झूठे हैं मृत्युदंड को समाप्त करने के लिए दिए जा रहे चारों तर्क-- कल्पेश याग्निक

‘जो कुछ भी गोपनीय रखा जाता है, पूरी तरह बताया और समझाया नहीं जाता, अनेक प्रश्न अनुत्तरित रखकर किया जाता है; वह बाद में सड़ने लगता है। चाहे इस तरह किया गया न्याय ही क्यों न हो। - पुरानी कहावत मृत्युदंड दिया जाना चाहिए कि नहीं? प्रभावी और मेधावी लब्धप्रतिष्ठितों की स्पष्ट राय है - नहीं? उनके चार तर्क हैं : 1. क्योंकि यह तो ‘आंख के बदले अांख' का विकृत कानून हो...

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