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हिरना समझ-बूझ वन चरना..- संपादकीय

जिसका शुरू से मुझे डर था, अब वही हो रहा है। लोकपाल के नाम पर उमड़ा अपूर्व जनाक्रोश अब अपूर्व दिग्भ्रम बनता चला जा रहा है। सबसे पहले अन्ना हजारे को ही लें। जब उन्हें अनशन पर बिठाया गया था, तब और अब, जबकि वे लोकपाल विधेयक कमेटी के सबसे महत्वपूर्ण सदस्य हैं, उनकी अपनी कोई सोच दिखाई ही नहीं पड़ती। उन्हें जो भी तत्काल सूझ पड़ता है, उसे वे अखबारों को...

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लोकपाल बिल पर टकराव:अन्ना से साथी नाराज, नेताओं की बढ़ी उम्मीद

नई दिल्ली. जन लोकपाल बिल का ड्राफ्ट तैयार करने वाली कमेटी की पहली बैठक 16 अप्रैल को होने की संभावना है, लेकिन इसके पहले ही सरकार और गैर सरकारी पक्ष में तकरार बढ़ गई है। केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, जो कमेटी में शामिल पांच मंत्रियों में से एक हैं, ने आगाह किया कि गैर सरकारी सदस्यों को खुले दिमाग से बैठक में शामिल होना होगा। कर्नाटक के लोकायुक्त, संतोष एन...

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वन्यजीवों के लिए उजड़ेंगी बस्तियां

शिमला। हिमाचल के अभयारण्यों में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने ग्रामीण बस्तियां हटाने का फैसला किया है। वन विभाग ने अभयारण्यों में बसे 767 गांवों की पहचान की है, जहां से करीब सवा लाख ग्रामीण हटाए जाएंगे। ग्रामीणों के पुनर्वास की योजना पर काम चल रहा है। सरकार ने केंद्र को तीन महीने पहले इस बारे में प्रस्ताव भेजा था। अभी केंद्र की अनुमति का इंतजार है।...

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गांधी के सिवा कोई रास्ता नहीं है -- सच्चिदानंद सिंहा से आलोक प्रकाश पुतुल की बातचीत

सच्चिदानंद सिंहा भारत के उन चुनिंदा विचारकों में हैं, जो अपने समय से लगातार मुठभेड़ करते रहते हैं. 81 साल की उम्र में भी लगातार सक्रिय सच्चिदानंद सिंहा मानते हैं कि भारत में आने वाले दिनों में अगर किसी नये समाज का निर्माण करना है तो समाजवादी विचारकों को गांधी की कुछ बातों को स्वीकारना ही होगा. उनसे कुछ सामयिक मुद्दों पर की गई बातचीत यहां प्रकाशित की जा रही...

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विफलता का दूसरा चक्र कानकुन- महेश राठी

संयुक्त राष्ट्र संघ के जलवायु परिवर्तन सम्मेलनों की शुरुआत जहां दुनिया भर के राजनेताओं, पर्यावरणविदों और वैज्ञानिकों के लिए पिघलते हुए ग्लेशियर, जलस्तर बढ़ते महासागरों, धसकते पहाड़ों, बदलते मौसम और गर्म होती धरती की चिंताओं का केंद्र थी, वहीं कोपेनहेगन और कानकुन तक पंहुचते यह चिंता विकसित दुनिया के हितों को साधने की कूटनीतिक चालों को पूरा करने के साधन स्थलों में बदल चुकी थी। अंततोगत्वा इस नीले ग्रह को बचाने...

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