अहमदाबाद। आजादी के इतने सालों बाद भी पलायन देश की एक बड़ी समस्या है। रोजगार की तलाश में करोड़ों युवा शहरों का रुख करते हैं। गुजरात के सुदूर इलाकों में ऐसे कई गांव हैं, जहां युवाओं की संख्या नगण्य है। आइए आपको गुजरात के ऐसे गांव के बारे में बताते है, जहां नौजवान ही नहीं रहते। गुजरात के मेहसाणा जिले की बेचराजी तहसील में स्थित चांदणकी गांव जहां अब केवल...
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ऐसे तो स्वस्थ-स्वच्छ नहीं बनेगा देश- संजय गुप्त
स्थानीय निकायों में व्याप्त भ्रष्टाचार और अकर्मण्यता की बीमारी ने ऐसी स्थितियां उत्पन्न् कर दी हैं कि हमारे ज्यादातर शहर गंदगी के ठिकानों में तब्दील होकर रह गए हैं। देश में साफ-सफाई की लचर स्थिति तब और अधिक हैरान करने वाली है जब स्वच्छता उपकर के नाम पर नागरिकों से अलग से टैक्स भी वसूला जा रहा है। भारत को स्वच्छ व स्वस्थ बनाने के लिए सरकारों को इस ओर...
More »शिक्षक, शिक्षा और समाज-- चंद्रकांता शर्मा
शिक्षक का दर्जा समाज में बड़ा ही सम्माननीय तथा उच्च माना गया है। वह नैतिकता व आदर्शों का प्रेरणास्रोत तथा जीवन-मूल्यों के सतत नियामक रूप में भी जाना गया है। शिक्षक के रूप में एक विनयशील, अनुशासनबद्ध और आदर्श जीवन पर चलने वाले व्यक्ति को मान्य किया गया है तथा माना गया है कि उस पर समाज, राष्ट्र तथा मानव जीवन की सभी नैतिक जिम्मेदारियां हैं। समय के साथ ‘गुरु'...
More »छत्तीसगढ़ में सुरक्षित नहीं हैं बुजुर्ग- एनसीआरबी की रिपोर्ट
रायपुर। छत्तीसगढ़ में सीनियर सिटीजन को सुरक्षा देने के मामले में पुलिस कमजोर साबित हो रही है। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के ताजा आंकड़ों से खुलासा हो रहा है कि प्रदेश में बुजुर्गों के खिलाफ अपराध बढ़े हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर बुजुर्गों के लिए हुए अपराध के मामले में छत्तीसगढ़ पांचवें पायदान पर है। एनसीआरबी ने लगातार दूसरे वर्ष 2015 में भी दिल्ली को...
More »किराए की कोख और कानून-- सुधा सिंह
सरोगेसी विधेयक पर हर तरह की राय आ रही है। अन्य देशों का हवाला दिया जा रहा है जहां सरोगेसी पर पाबंदी है, विशेषकर यूरोपीय देशों का। मोटे तौर पर सरोगेसी दरअसल ऐसे दंपति को संतान का सुख देने का जरिया है जहां स्त्री किसी कारण से गर्भधारण नहीं कर सकती, लेकिन जिन्हें अपनी जैविक संतान, कुछ समान जिनेटिक गुणों के साथ, चाहिए। ऐसे में महिला का अंडा और...
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