SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1055

फल व सब्जियों की बर्बादी बड़ी चुनौती

नयी दिल्ली: एक ओर जहां फलों और सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं वहीं दूसरी ओर देश में बड़े पैमाने पर फल और सब्जियां बर्बाद हो रही हैं. केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में बताया कि देश में 18 फीसदी फल व 12 फीसदी सब्जियां बर्बाद हो रही हैं.क्योंकि देश में भंडारण और प्रसंस्करण सुविधाओं का अभाव है. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर ने सदन में प्रश्नोत्तर काल के...

More »

बबुआ से बड़ा झुनझुना- विनोद कुमार

जनसत्ता 21 जुलाई, 2014 : आजादी के बाद हमने वयस्क मताधिकार पर आधारित भारतीय गणराज्य की स्थापना की। मूल अवधारणा यह रही कि हम एक ऐसी व्यवस्था बनाएंगे जिसके केंद्र में रहेगा देश का नागरिक। विधायिका उसके हित में कानून बनाएगी, कार्यपालिका उन कानूनों के दायरे में नागरिकों को एक विधि-सम्मत सुशासन मुहैया कराएगी, सेना बाह्य दुश्मनों से देश की सुरक्षा की गारंटी करेगी, पुलिस नागरिकों के जान-माल की रक्षा करेगी।...

More »

बिहारः बच्चों की आबादी से अधिक नामांकन

भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (सीएजी) की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में बिहार में सर्व शिक्षा अभियान से संबंधित कई गड़बड़ियाँ सामने आई हैं. ये रिपोर्ट साल 2012-13 की है. कुछ प्रमुख गड़बड़ियाँ- 1. आबादी से अधिक नामांकन सीतामढ़ी, खगड़िया, किशनगंज और गया ज़िले में स्कूल जाने वाले बच्चों की आबादी से अधिक बच्चों का नामांकन स्कूलों में पाया गया. इन चार ज़िलों में स्कूल जाने योग्य बच्चों की कुल संख्या 22,18,089 है लेकिन इन...

More »

गांव-देहात व किसान से वास्ता नहीं- केसी त्यागी

आम बजट और रेल बजट को देख कर यह सहज रूप से कहा जा सकता है कि केंद्र सरकार बजट के पीछे राजनीति कर रही है. राजनीति इस अर्थ में कि जो भाजपा कहती है, वह करती नहीं है. जो वादा करती है, उसके पीछे उसकी मंशा क्या है, तथा आम आदमी के प्रति वह कितनी हमदर्द है, वह आम बजट और रेल बजट से साबित हो गया है. सरकार...

More »

प्रवासी श्रमिक : जो लौट के घर ना आए - रमेश नैयर

युद्ध में धंसे इराक से किसी प्रकार दो-एक सौ कामगारों को मुक्त कराके स्वदेश लाया जा सका है। उनके जीवन और मृत्यु के बीच झूलते रहे दिनों के अनुभव व्यथित करते हैं। वे 40 लाख से अधिक उन प्रवासी भारतीयों की ओर भी ध्यान आकृष्ट कराते हैं, जो मध्यपूर्व के देशों में काम कर रहे हैं। उनका वर्तमान आजीविका के जुगाड़ में खप रहा है। भविष्य असुरक्षा भरे अनिश्चय की...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close