-डाउन टू अर्थ, अपनी तरह के पहले प्रयास में केंद्र सरकार जल्द ही बाढ़ और सूखे जैसी भीषण मौसमी परिस्थितियों से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन योजना लागू करने जा रही है। इसमें नॉवेल कोरोनावायरस बीमारी जैसी दुर्लभ घटनाओं को भी शामिल किया जाएगा। यह योजना जिसे मार्च 2021 में पेश किए जाने की उम्मीद है, उसमें ऐसे 34 जोखिमों को सूचीबद्ध किया गया है, जो कृषि क्षेत्र के लिए खतरा बन...
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हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से दशकों से बंद पर्यावरण संवेदी अरावली में खनन शुरु करने की मांगी इजाजत
-डाउन टू अर्थ, हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पर्यावरण संवेदी अरावली में खनन करने के लिए इजाजत की मांग की है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि नोवेल कोरोनावायरस के कारण हुई महामारी ने बड़े पैमाने पर बेरोजगारी पैदा की है ऐसे में यदि कानून मुताबिक खनन गतिविधि को इजाजत दी जा सकती है तो इस क्षेत्र मे रोजगार सृजित किए जा...
More »डिजीपब: डिजिटल मीडिया की नियमावली स्वतंत्र मीडिया के मौलिक सिद्धांतों के खिलाफ
-न्यूजलॉन्ड्री, डिजीपब न्यूज़ इंडिया फ़ाउंडेशन ने डिजिटल मीडिया के लिए जारी नई गाइडलाइन्स को लेकर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेडकर को पत्र लिखकर अपनी चिताएं जाहिर की है. डिजीपब ने इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स 2021 की ‘कुछ बारीकियों’ की व्याख्या करते हुए कहा है कि ये नियम “लोकतंत्र में समाचार के मूल सिद्धांत और उसकी भूमिका के खिलाफ जाते हैं.” केंद्रीय...
More »दिशा रवि की गिरफ्तारी की कहानी और रामदेव की कोरोनिल
-न्यूजलॉन्ड्री, बीते हफ्ते पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरू से गिरफ़्तार कर लिया. वो इस समय राजद्रोह के आरोप में जेल में बंद हैं. 22 वर्षीय दिशा पर आरोप है कि उन्होंने किसानों के आंदोलन को जन-समर्थन दिलाने के लिए स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा शेयर की गयी टूलकिट के निर्माण में भूमिका निभायी थी. ऐसा उन्होंने भारत के खिलाफ साजिशन किया. तो इस बार हम टूलकिट...
More »चौरी चौरा के सरकारी पुनर्पाठ के ज़रिये गांधी और उनकी अहिंसा को खारिज करने की कवायदें
-जनपथ, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में ‘चौरी चौरा’ शताब्दी समारोह के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए सम्बोधन को भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के (हाल के दिनों में लोकप्रिय बनाए जा रहे) उस घातक पुनर्पाठ के रूप में देखा जा सकता है जो गांधी और उनकी अहिंसा को पूर्णरूपेण खारिज करता है। संघ परिवार और कट्टर हिंदुत्व की हिमायत करने वाली शक्तियों का गांधी विरोध जगजाहिर रहा है और अनेक बार...
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