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अकाल, भुखमरी इस देश में कई समुदायों की जीवनसाथी है- विनायक सेन से आशीष कुमार अंशु की बातचीत

विनायक सेन को लेकर मीडिया और समाज में दो तरह की छवि है। एक विनायक सेन, जिन्हें हमेशा देश के दुश्मन के तौर पर पेश किया जाता है, दूसरे विनायक सेन वे जो आदिवासियों के शुभचिंतक हैं और गरीब समाज के मसीहा हैं। दोनों विचार अतिवादी हैं। इस तरह एक आम भारतीय असमंजस की स्थिति में है कि वह इन दोनों में से किसे सच माने और किसे झूठ! यदि हम मीडिया की नजर...

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किसानों ने हुडा अफसरों को खदेड़ा

अम्बाला सिटी. कांवला गांव में रविवार को सेक्टर 22 के लिए एक्वायर जमीन का कब्जा लेने गए हुडा के अधिकारियों और कर्मचारियों को किसानों ने खदेड़ दिया। सेक्टर 22 के लिए इस गांव की 319 एकड़ जमीन एक्वायर की गई है। कार और तीन ट्रैक्टरों पर सवार हुडा कर्मचारियों ने जैसे ही खेतों में खड़े पशुओं के चारे व धान की पौध को उखाड़ना शुरू किया, किसान भड़क उठे। किसानों के...

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किसानों का जज्बा बनाम विधायक की जिद

अम्बाला। एक तरफ उपजाऊ जमीन से जुड़े रहने का किसानों का जज्बा है वहीं दूसरी तरफ यही जमीन लेने की विधायक विनोद शर्मा की जिद। अम्बाला में इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) का मामला अब किसान बनाम विधायक बन गया है। विधायक ने आईएमटी के पक्ष में हस्ताक्षरों का गत्था सौंपा लेकिन अम्बाला रैली में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस पर कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं की। शायद इसके पीछे एक...

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खेती बिना खेत के, आमदनी जेब भरके

घर में उत्पादन -कृषि विश्वविद्यालय से प्रशिक्षण पाकर सफल हो रहे किसान - बीज उत्पादन के गुर सिखाने से लेकर मदर कल्चर मिल रहा मुफ्त - विश्वविद्यालय व कृषि विज्ञान केन्द्र से किसान उठा सकते बीज अमरेन्द्र तिवारी,मुजफ्फरपुर : 'खेती बिना खेत के..' सुनकर आपको भले आश्चर्य लगे, लेकिन बात है सौ फीसदी सही। राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा की पहल पर बिना खेत वाले लोग भी मशरूम की खेती कर अपनी जेबें भर...

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असंगति का संगीत- रोहिणी मोहन

कुछ मामलों में एक जैसे और ज्यादातर मामलों में एक-दूसरे से जुदा शांति और प्रशांत भूषण के छुए-अनछुए पहलुओं की पड़ताल करती रोहिणी मोहन की रिपोर्ट मई, 1995 की एक दोपहर को सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु ठक्कर अपने वकीलों प्रशांत और शांति भूषण के साथ सर्वोच्च न्यायालय में बैठे हुए थे. उनसे जरा-सी दूरी पर मुख्य न्यायाधीश एएस आनंद एक ऐसा फैसला सुना रहे थे जो पूर्वी गुजरात के कम से कम...

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