राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति ; प्रारूप, ग्रामीण विकास मंत्रलय भारत सरकार के द्वारा सार्वजनिक बहस के लिए रखी गयी है. इस प्रारूप के शुरू में सरकार ने इस समस्या की गहराई को आंकड़ों के जरिये ही स्पष्ट रूप से यह सामने रखा है कि भारत जैसे देश में भूमि सुधीर का सवाल कितना अहम है. राष्ट्रीय प्रतिदर्श संगठन (एनएसएसओ के आंकड़ों 2003-04) के अनुसार करीब 41.63} परिवारों के पास घर के अलावा और...
More »SEARCH RESULT
तभी अपराध मुक्त होगी राजनीति- नृपेन्द्र मिश्र
राजनीति के अपराधीकरण के खिलाफ जारी अभियान अपने निर्णायक मोड़ पर है, लेकिन इसे अभी खत्म नहीं माना जा सकता। तब तो और नहीं, जब हमारे संसदीय लोकतंत्र की नैतिकता में लगातार गिरावट की चिंता स्पष्ट है और इस पर सार्वजनिक तौर पर चर्चा भी हो रही है। इस दिशा में सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला 10 जुलाई, 2013 को आया, जिसमें देश की सबसे बड़ी अदालत ने जन प्रतिनिधित्व...
More »यौन हिंसा की जड़ें- अजेय कुमार
जनसत्ता 29 जनवरी, 2013: सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जेएस वर्मा की अध्यक्षता में भारत सरकार द्वारा गठित समिति का उद्देश्य था आपराधिक कानूनों और अन्य प्रासंगिक कानूनों में ऐसे संभव संशोधन सुझाना ताकि ‘महिलाओं पर चरम यौन हमलों के मामलों में तेजी से फैसला हो सके और मुजरिमों को कहीं ज्यादा सजा दिलाई जा सके।’ अभी इस समिति को बने ज्यादा समय नहीं हुआ कि बलात्कार की अन्य हालिया घटनाओं...
More »स्कूलों में पढ़ाए जाएंगे कन्या भ्रूण हत्या व दहेज समस्या के पाठ
जयपुर.कन्या भ्रूण हत्या और दहेज प्रथा के दुष्परिणामों को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। सरकार ने गुरुवार को पीसीपीएनडीटी एक्ट को प्रभावी बनाने के लिए दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को यह विश्वास दिलाया। राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता आरपी सिंह ने अदालत में कहा कि प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा...
More »रास नहीं आ रहा बड़े लोगों को सूचना अधिकार: शैलेश गांधी
सरकारी अधिकारियों को ट्रेनिंग में सिखाया जाता है कि कैसे जवाब देने से बचा जाए. यह कहना है शैलेश गांधी का जो छह जुलाई को सूचना आयुक्त के पद से सेवानिवृत हो रहे हैं. उनका कहना है कि सूचना अधिकार बड़े और ताकतवर लोगों को पसंद नहीं आ रहा है. इससे जुड़ी ख़बरें शैलेश गांधी का यह भी कहना है कि सूचना अधिकार आने वाले सालों में बेमतलब हो सकता है और देश...
More »