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ग्राम सभाओं की जरूरत-- डा. अनुज लुगुन

आम बजट में सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा है. बजट पर अर्थशास्त्रियों के अपने-अपने मत हैं. बीबीसी की वेबसाइट में प्रकाशित एक आर्थिक विश्लेषण में कहा गया कि अर्थव्यवस्था कहां होगी और अर्थव्यवस्था में कौन कहां होगा, ये दो अलग-अलग और महत्वपूर्ण सवाल हैं. हमारा सवाल भी यही है कि अर्थव्यवस्था में कौन कहां होगा? इस सवाल को आर्थिक से ज्यादा सामाजिक...

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अगली सरकार की बड़ी चुनौतियां -- अनिल गुप्ता

इस समय जब लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया लगभग खत्म होने को है, तब अनेक मंत्रालयों को उन कार्यों की सूची बनाने के लिए कहा जाना चाहिए, जिनको भावी सरकार द्वारा पहले 100 दिनों में शुरू या पूरा कर लेना चाहिए। जो भी सरकार केंद्र की सत्ता में आए, उसे यह दिखाना होगा कि सामाजिक प्रभाव उसकी प्राथमिकता है। हम अभी मई के महीने में हैं और जून की शुरुआत या...

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दिल्ली में 80 प्रतिशत से अधिक निजी स्कूल नहीं लागू कर रहे शिक्षा का अधिकार कानून: रिपोर्ट

नयी दिल्ली: एक नई रिपोर्ट में बुधवार को दावा किया गया है कि दिल्ली में 80 प्रतिशत से अधिक निजी स्कूल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून को लागू करने में सहभागी नहीं हैं और वे आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्ल्यूएस) के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें भी आरक्षित नहीं कर रहे हैं. ‘ब्राइट स्पोर्ट्स: स्टेटस ऑफ सोशल इन्क्लूज़न थ्रू आरटीई' शीर्षक वाली यह रिपोर्ट एक सर्वेक्षण पर आधारित है,...

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क्यों झारखंड में आदिवासियों के लिए सरकारी राशन लेना दिनोंदिन मुश्किल होता जा रहा है

बीते पांच फरवरी को झारखंड सरकार ने जन वितरण प्रणाली के अंतर्गत राशन लेने के लिए राशन कार्ड में दर्ज सभी सदस्यों का आधार लिंक करवाना अनिवार्य कर दिया. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून अनुसार योग्य परिवारों को प्रति माह कार्ड पर दर्ज प्रत्येक सदस्य के लिए सस्ते दरों पर पांच किलो अनाज का अधिकार है (अन्त्योदय कार्डधारियों को 35 किलो प्रति परिवार). राज्य खाद्य विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध सरकारी आंकड़ों...

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राजनीतिक एजेंडे में पर्यावरण क्यों नहीं-- नवरोज के दुबाश

भारत में पर्यावरण की हालत काफी भयावह है। इससे जुड़े आंकडे़ परेशान करने वाले हैं। मसलन, देश की हर पांच में से तीन नदियां प्रदूषित हैं। ज्यादातर ठोस कचरों का निस्तारण नहीं किया जाता; यहां तक कि देश के समृद्ध हिस्सों में भी नहीं। मुंबई में 90 फीसदी, तो दिल्ली में 48 फीसदी कचरों का निस्तारण नहीं हो पाता। फिर, देश की तीन-चौथाई आबादी उन हिस्सों में बसती है, जहां...

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