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मनरेगा में लगातार दूसरी बार बजट कटौती, गांव कैसे बनेंगे आत्मनिर्भर

-न्यूजलॉन्ड्री, कोरोनाकाल के तीसरे वर्ष में जब रोजगार संकट चरम पर है और लोगों की जेबें खाली हैं तब गांवों में श्रमिकों का सहारा बनने वाले महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) में लगातार दूसरे वर्ष बजट प्रावधान में कटौती की गई है. बजट कम होने का सीधा मतलब श्रमदिवस के कम होने और रोजगार के अवसरों में कमी से भी है. 01 फरवरी, 2022 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण...

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ओमिक्रॉन: 'पहली बार एक नए गेंदबाज का सामना करने जैसा है'

-इंडियास्पेंड, दक्षिण अफ्रीका में सार्स-कोविड-2 का एक नया वेरिएंट भारत समेत दुनिया के दो दर्जन से अधिक देशों में फैल चुका है। नाम है इसका ओमीक्रॉन। ओमीक्रॉन न सिर्फ पब्लिक हेल्थ सेक्टर में, बल्कि दुनियाभर के फाइनेंशियल सेक्टर में भी सुर्खियों में है। दुनियाभर की सरकारों में भी इस बात को लेकर चिंता पैदा हो रही है कि आने वाले वक्त में यह किस तरह से अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा। ऐसे...

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भारत के कमजोर होते लोकतंत्र से गंभीर बनता दिल्ली का वायु प्रदूषण

-कारवां, जैसे-जैसे सर्दियां दस्तक देने लगी थीं, वैसे-वैसे दिल्ली का अपना ही जहरीली हवा का मौसम शुरू होने लगा था. यह जहरीली हवा का मौसम दिवाली में पटाखों पर प्रतिबंध के खुले उल्लंघन के कारण और विषाक्त हो जाता है. प्रेस और दिल्ली के लिबरल शहरियों का आक्रोश और लाचारी का सालाना अनुष्ठान भी इसी मौसम के साथ आरंभ हो जाता है. पर्यावरणविद सरकार की यदा-कदा होने वाली और अप्रभावी कार्रवाई...

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आर्थिक विकास तो महत्वपूर्ण है, लेकिन भारत को बेरोजगारी, गरीबी, स्वास्थ्य, पर्यावरण पर भी ध्यान देना जरूरी है

-द प्रिंट, बजट और आर्थिक सर्वेक्षण से व्यापक अर्थव्यवस्था के लिए सरकार की जो रणनीति उभरती है उसे इन शब्दों में सरलता से कहा जा सकता है—आर्थिक वृद्धि सभी समस्याओं का समाधान कर देगी. यह रणनीति दो दशक पहले कारगर होती थी जब व्यापक अर्थव्यवस्था के संकेतक आज के वित्तीय घाटे के लिहाज से हुआ करते थे, सरकारी कर्ज पर ब्याज भारी होता था, और बैंक समस्याओं से ग्रस्त होते थे....

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चीन को लेकर मतदाताओं को लुभाया जा सकता है लेकिन आप बेरोजगारों को कैसे साधेंगे

-द प्रिंट, निर्मला सीतारमण के लिए जरूर ही बहुत मुश्किल रहा होगा ये सबकुछ कर पाना. तेज दिमाग, तेज जबान और सियासी मौकों को भांप लेने की गजब की सलाहियत होने के बावजूद नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए 2022-23 का बजट तैयार करना और उसमें तुक बैठाना कोई आसान काम नहीं था. आखिर, निर्मला सीतारमण तेजी से छलांग लगाती एक ऐसी अर्थव्यवस्था की वित्त मंत्री हैं जो जल्दी ही 5 ट्रिलियन...

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