ब्रिटिश शासकों से विरासत में मिली हमारी संसदीय व्यवस्था में कानून बनाने का काम मोटे तौर पर सरकार द्वारा संचालित है। ऐसा प्रावधान नहीं है कि विपक्षी दल विधेयक लाएं और उन्हें पारित कर कानून का रूप देने का प्रयास करें। हालांकि, संसद सदस्य व्यक्तिगत रूप से ऐसा कर सकते हैं। इस प्रावधान को ‘निजी सदस्य के विधेयक' कहा जाता है। संसद चल रही हो तो हर शुक्रवार की दोपहर...
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संविधान की भावना को भी समझें-- योगेन्द्र यादव
अदालतों के आदेश की आलोचना से मैं अकसर परहेज़ करता हूं। इसलिए नहीं कि अदालत का आदेश हमेशा सही लगता है। इसलिए भी नहीं कि अदालत की अवमानना डराती है। बल्कि इसलिए कि लोकतंत्र के खेल में किसी रेफ़री के आदेश का सम्मान तो करना पड़ेगा। रेफ़री मेरी पसंद का आदेश दे तो उसे सर -आंखों पर बैठाऊं, नहीं तो उसे आंखें दिखाऊं-ऐसे तो नहीं चल सकता। इसलिए कई बार...
More »वह आदिवासियों की उम्मीद थे- बाबा मायाराम
बी. डी. शर्मा (ब्रह्मदेव शर्मा) जी नहीं रहे, यह खबर मुझे रांची में मिली। उनका निधन 6 दिसंबर को हो गया। उस समय मैं झारखंड के मित्र सुनील मिंज से वहां तेज गति से होने वाले औदयोगिकीकरण की कहानियां सुन रहा था। जल, जंगल, जमीन जैसे संसाधन किस तरह से आदिवासियों से छीने जा रहे हैं, यह झारखंड में देखा जा सकता है। यही हाल छत्तीसगढ़, ओडिशा और देश के...
More »इस अतिवाद का मुकाबला कैसे करें- योगेन्द्र यादव
एक ही महीने में राष्ट्रपति ने दूसरी बार सहिष्णुता की याद दिलाई है। प्रधानमंत्री ने भी दादरी में अखलाक की हत्या पर अफसोस जता दिया है। और तो और, अमित शाह ने बीजेपी के बड़बोले नेताओं को फटकार लगा दी है। कई लोग सोच रहे होंगे कि अब और क्या चाहिए? मन ही मन कह रहे होंगे कि अब तो दादरी वाले इस मुद्दे को खत्म करो। टीवी चैनलों के न्यूज...
More »जनतांत्रिक मूल्यों से जुड़े सवाल- पुष्पेश पंत
पूर्व पाक विदेश मंत्री कसूरी की पुस्तक के भारत में विमोचन को लेकर जिस अशोभनीय विवाद ने तूल पकड़ा है, उसने हमें यह सोचने को विवश कर दिया है कि आज हमारे देश में कट्टरपंथी असहिष्णुता किसी एक तबके या मजहब तक सीमित नहीं रह गयी है. मुंबई में इस कार्यक्रम का आयोजन करवानेवाले सुधींद्र कुलकर्णी के मुख पर स्याही पोत शिव सैनिकों ने अपना ही नहीं, देश का मुख...
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