SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 85

किसानों को राहत पहुंचाने में भी आड़े आ रही 'आपदाएं'- अजीत बिसारिया

बेमौसम बारिश और ओलों की मार से त्रस्त किसानों तक मुआवजा राशि पहुंचाने में भी कई तरह की ‘आपदाएं' सामने आ रही हैं। कहीं चेक कम पड़ गए हैं तो कहीं अफसरों-कर्मचारियों के अपनी जगह से न हिलने के चलते सर्वे ठीक से नहीं हो पा रहा है। स्थिति यह है कि किसान त्राहिमाम कर रहे हैं और जिलों का प्रशासन 25 मार्च तक उनके यहां भेज दी गई राशि का...

More »

बरबाद हुई फसल के लिए किसानों को मिलेगा डेढ़ गुना मुआवजा

नई दिल्ली। बेमौसम बारिश से फसलों के भारी नुकसान का संकट झेल रहे किसानों को सरकार ने मुआवजा राशि को बढ़ाकर डेढ़ गुना कर बड़ी राहत दी है। बारिश और ओलावृष्टि से बरबाद हुई फसल के लिए मुआवजे की राशि बढ़ा कर डेढ़ गुना करने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुद्रा बैंक की लांचिंग के मौके पर की। साथ ही वह किसान भी हकदार होगें जिनकी 33...

More »

बारिश से तबाह किसानों को मोदी ने दी बड़ी सौगात

बिन मौसम बारिश और ओलावृष्टि से तबाह हुए लाखों किसानों को राहत देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बड़े ऐलान किए। नई व्यवस्था के तहत अब 50 फीसदी की जगह 33 फीसदी फसल खराब होने पर भी किसान मुआवजे के हकदार होंगे। प्रधानमंत्री ने मुआवजे की राशि में भी 50 फीसदी बढ़ोतरी का ऐलान किया। उन्होंने बैंकों से कहा कि वे बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों के ऋण का पुनर्गठन...

More »

आठ राज्‍यों में फसलों को भारी नुकसान की आशंका, अगले हफ्ते आएगी सर्वे रिपोर्ट

नई दिल्‍ली। मार्च की बेमौसम बरसात और ओलों ने देश के उत्तरी, मध्‍य और पश्चिमी क्षेत्र में फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। कृषि मंत्रालय का अनुमान है कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में 50 लाख हेक्टेयर भूमि में खड़ी फसल बर्बाद हुई है। करनाल स्थित गेहूं अनुसंधान निदेशालय के मुताबिक देश भर में गेहूं की करीब 20 प्रतिशत फसल को नुकसान...

More »

क्या गरीबी कभी खत्म हो सकती है?- लार्ड मेघनाद देसाई

लॉर्ड मेघनाद देसाई भारतीय मूल के ब्रिटिश अर्थशास्त्री और लेबर पार्टी से जुड़े राजनीतिज्ञ हैं. वह अर्थशास्त्र के विश्वविख्यात संस्थान, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर रह चुके हैं. उन्होंने कई किताबें लिखी हैं. उनके 200 से ज्यादा लेख अकादमिक जर्नलों में प्रकाशित हो चुके हैं. वह कई भारतीय व ब्रिटिश अखबारों के लिए नियमित स्तंभ लिखते हैं. 5 सितंबर 2014 को उन्होंने पटना स्थित एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) में...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close