जनसत्ता 18 जनवरी, 2013: स्त्री की हिफाजत, हैसियत, बराबरी के किसी मुद्दे पर इतना बड़ा तूफान भारतीय समाज में शायद पहले कभी न खड़ा हुआ हो। दिल्ली में ही लोग सड़कों पर नहीं उतरे, मणिपुर, जम्मू, चेन्नै से लेकर मुंबई, कोलकाता आदि शहरों में भी आक्रोश और पश्चाताप के अलग-अलग स्वर सुनने को मिले। हमारी सामाजिक गिरावट की विडंबना का एक नमूना यह भी रहा कि फिजा में फैली फांसी की मांग...
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बेच दी गई NH, डैम व स्कूल के लिए अधिग्रहित सैकड़ों एकड़ भूमि
रांची. विकास कार्य के लिए अधिग्रहित जमीन धड़ल्ले से बिक रही है। रांची जिले में ही एनएच, डैम, स्कूल व पशुपालन विभाग के लिए अधिग्रहित सैकड़ों एकड़ जमीन बिक गई। इसे खरीदने में बिल्डरों और आम आदमी के अलावा अधिकारी भी पीछे नहीं रहे। अंचल कार्यालय के पास यह रिकॉर्ड ही नहीं है कि अब तक कितनी जमीनों का अधिग्रहण हुआ है। अधिग्रहण के समय रैयतों को जिस जमीन का मुआवजा दिया जा चुका...
More »‘गन्ने का रस बेचने वालों के लिए लाइसेंस जरूरी हो’
जनसत्ता संवाददाता नई दिल्ली, 29 जून। बिना लाइसेंस के गन्ने का रस बेचने वाले रेहड़ी पटरी वालों के चालान काटने वाले स्वास्थ्य निरीक्षक कहते हैं कि उन्हें आयुक्त ने सौ चालान काटने का फरमान जारी किया है। वे फाईल चार्ज के नाम पर ढाई हजार रुपए अलग से लेते हैं। इस गोरखधंधे के पीछे कौन लोग हैं जो दुकानदारों की एक नहीं सुनते? यह बात पूर्वी दिल्ली नगर निगम की स्थाई...
More »शीतल फाइबर्स पर श्रम विभाग करेगा कार्रवाई
जालंधर. अब श्रम आयुक्त कार्यालय ने शीतल फाइबर्स पर अलग-अलग 5 श्रम कानूनों के तहत कार्रवाई की तैयारी कर ली है। विभागीय टीम ने शीतल फाइबर्स की इकाइयों का दौरा करने के बाद दस्तावेजी कार्रवाई शुरू कर दी है। श्रम विभाग के अधिकारियों ने हादसे के बाद 17 अप्रैल को शीतल फाइबर्स की इकाइयों की इंस्पेक्शन की थी। वीरवार को इंस्पेक्टर जेपी सिंह दोबारा फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन में इंस्पेक्शन के...
More »राजा ने लूटी रंकों की रोटी- आशीष खेतान(तहलका, हिन्दी)
सपा की पिछली सरकार में खाद्य और आपूर्ति विभाग के मंत्री रहे राजा भैया ने जन वितरण प्रणाली में घोटाले के जरिए 100 करोड़ रुपये बनाए. वे एक बार फिर से उसी विभाग के मंत्री हैं. उनके कारनामों को आशीष खेतान उजागर कर रहे हैं यह किसी केंद्रीय मंत्री और बड़े औद्योगिक घराने के बीच हुए अनैतिक लेन-देन की कहानी नहीं है. यह कहानी है हमारे समाज के सबसे वंचित और शोषित तबके...
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