हिमालय क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में आई त्रासदियां कई मौंजू सवाल खड़े कर रही हैं। उत्तराखंड का ही उदाहरण लीजिए। इस राज्य ने पिछले चार वर्षों में बहुत कुछ झेला है। करोड़ों रुपये की संपत्तियों का नुकसान और हजारों जानों का खो जाना क्या कोई सामान्य मुद्दा है? इन घटनाओं ने देश-दुनिया को झकझोरा। मगर जल्दी ही बिना दवा के ही घाव भर गए और फिर नए सिरे से...
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आईएसटी बदलाव से क्या होगा स्कूलों पर असर, सरकार कर रही विचार
नई दिल्ली। ऊर्जा मंत्रालय ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर पूछा है कि क्या इंडियन स्टैंडर्ड टाइम को शिफ्ट करने से अधिक ऊर्जा की बचत की जा सकती है। ऊर्जा मंत्रालय ने जानना चाहा है कि क्या स्कूल और शैक्षणिक संस्थाओं के समय में बदलाव करने से अधिक ऊर्जा की बचत की जा सकती है। इस बारे में एचआडी मंत्रालय की क्या राय है। ऊर्जा मंत्रालय के पत्र के...
More »श्रम और दक्षता का संतुलन-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर
यह नई खोजों का समय है। भविष्य में वही समाज या देश आगे बढ़ेगा, जो नई वैज्ञानिक और सामाजिक खोजों में आगे रहेगा। दुनिया में इस समय तीन देश प्रतिस्पर्धा में हैं: चीन, भारत और अमेरिका। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हाल में ‘ब्रेन प्रोजेक्ट' की शुरुआत करते हुए जिक्र किया कि इंटरनेट के बाद अगली क्रांति मनुष्य के दिमाग की तकनीकी को समझने की होगी और अमेरिका को ये...
More »पर्यावरण के सरोकारों पर एक किताब की गहरी नजर
अगर पर्यावरण के नुकसान को लेकर आपको चिंता होती है लेकिन साथ में आप इस मसले पर मौजूद अध्ययन सामग्री को बोझिल और नीरस जान पढ़ने से बचते हैं तो फिर आपके लिए एक अच्छी खबर है. हाल ही में जीन कंपेन की तरफ से एक किताब कोपिंग विद् क्लाईमेट चेंज नाम से प्रकाशित हुई है और पर्यावरणविद्, नागरिक संगठन से जुड़े कार्यकर्ता, नौकरशाह तथा शोधकर्ताओं के बीच समान...
More »प्रचंड गरमी पर उबलती बहस- इला भट्ट
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विश्व, विशेष रूप से भारत, गरीबी के मुद्दे पर एक साथ नहीं आया है, जैसा कि यह जलवायु परिवर्तन पर एक साथ आया है. ये दोनों आपस में जुड़े हुए हैं. इसलिए, मैं भारत सरकार से आग्रह करूंगी कि देश का आइएनडीसी तैयार करते समय इसका ध्यान रखे कि क्या हमारे आइएनडीसी गरीबी को कम करने की दृष्टि से कार्बन उत्सजर्न को कम करने के लिए...
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