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पंजाब: फ़सलों की तबाही व क़र्ज़ की दोहरी मार झेलते किसान

पारी हिंदी, 14 सितम्बर बलदेव कौर (70) ने ज़मींदोज़ हो चुके मकान के मलबों के बीच से किसी तरह अपना रास्ता बनाया. ये मलबे उनके खेत में बने उस मकान के थे जो कभी उनके परिवार का घर हुआ करता था. कमरों की जो दीवारें अभी भी खड़ी थीं उनमें बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी थीं. “जब धुआंधार बारिश हो रही थी और छत पर ओले गिर रहे थे, तो वह पूरी रात...

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जलवायु हॉटस्पॉट: गर्म होती जलवायु पहले से ही सूखे बुंदेलखंड को और झुलसा रही है

इंडियास्पेंड, 13 सितम्बर  "इस असहनीय गर्मी में भी हमें पानी के ल‍िए रोज 10-15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।" मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की एक आदिवासी सुमिंत्रा देवी अपना दर्द साझा करते हुए कहती हैं। बुजुर्ग सुमिंत्रा देवी (65) बुन्देलखण्ड के लक्ष्मीपुर ग्राम पंचायत के सूखाग्रस्त गांव नई बस्ती में रहती हैं। वे एक बार में प्लास्टिक के चार ड‍िब्‍बे में लगभग 80 लीटर पानी लाती है। उनके घर में कुल...

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इवेट बीमा कंपनियों की मनमानी, किसानों को मुआवजा देने से किया इनकार!

गाँव सवेरा, 11 सितम्बर हरियाणा में बीमा कंपनियों पर किसानों का एक हजार करोड़ से ज्यादा का फसल बीमा क्लेम बकाया है. फसल के मुआवजे को लेकर हरियाणा के अलग अलग जिलों में किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अब तक भी किसानों को फसल का मुआवजा नहीं दिया गया है. फतेहाबाद में फसल मुआवजे की मांग को लेकर स्थानीय विधायक के घर का घेराव करते नजर आ थे किसानों...

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मैंग्रोव रोपाई के लिए प्लास्टिक की जगह लेते ताड़ के पत्तों से बने नर्सरी बैग

मोंगाबे हिंदी, 29 अगस्त फूस से बनी अपनी झोपड़ी के पास बैठकर, अचिक्कन्नु मछली पकड़ने के टूटे हुए जाल से बने बाड़ पर रखे ताड़ के सूखे पत्ते (बोरासस फ्लेबेलिफ़र) की तरफ हाथ बढ़ाती हैं। वह पत्तियों को बराबर हिस्सों में काटती हैं। बार-बार बुखार से जूझने के बावजूद, वह ताड़ के सूखे पत्तों से 40 मिनट में एक नर्सरी बैग तैयार कर सकती हैं। तमिलनाडु के तंजावुर जिले के एक...

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गुरेज़: पट्टू बुनकरों की रेशा-रेशा बिखरती ज़िंदगी

पारी हिंदी, 28 अगस्त  अपना आख़िरी पट्टू बुने हुए अब्दुल कुमार मागरे को कोई 30 साल हो गए हैं. वह कश्मीर की भयानक सर्दियों - जब तापमान -20 डिग्री से भी नीचे चला जाता है - से बचाव करने के लिए मशहूर इस ऊनी कपड़े को बुनने वाले कुछ आख़िरी बचे हुए बुनकरों में एक हैं. अब्दुल (82) याद करते हुए कहते हैं, “मैं एक दिन में तक़रीबन 11 मीटर कपड़े बुन...

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