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चक्रवात 'गुलाब' का लैंडफॉल आज, मचा सकता भारी तबाही, बंगाल-ओडिशा-आंध्र में भारी बारिश की संभावना; कई जिले हो सकते प्रभावित

-आउटलुक, चक्रवाती तूफान 'गुलाब' आज लैंडफॉल करेगा। इसको लेकर ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों को अलर्ट पर रखा गया है। इन दोनों राज्यों में मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है। दोनों राज्यों के कई जिलों में अगले तीन दिनों में भारी बारिश होने की संभावना है। ओडिशा में ओडीआरएफ की टीम भेजी गई है साथ ही एनडीआरएफ की टीम को भी भेजा गया है। शनिवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति...

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बिहार में जलवायु संकट से बढ़े हीट वेव से निपटने का बना एक्शन प्लान

-वाटर पोर्टल, बिहार में जलवायु संकट के कारण बढ़ रहे हीट वेव और वज्रपात को रोकने और उसका आकलन करने के लिए ‘मीडिया कलेक्टिव फॉर क्लाइमेट इन बिहार’ ने  गैर सरकारी संस्था ‘असर’ के साथ मिलकर एक  मीडिया रिपोर्ट जारी की है।  इस 67 पन्ने की रिपोर्ट में  जहां एक तरफ यह बताया गया है कि इस अध्ययन की  जरूरत क्यों पड़ी तो वही दूसरी और जमीनी चुनौतियों पर भी चिंतन किया...

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जलवायु परिवर्तन: संकट को नकारने की गुंजाइश खत्म

-डाउन टू अर्थ, अब किसी “शायद” की गुंजाइश नहीं बची है। जलवायु परिवर्तन का खतरा वास्तविक है और इसके खतरे आसन्न तो हैं ही, भविष्य भी भयावह है। इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की रिपोर्ट का यह संदेश हमारे आसपास हो रहे बदलावों की पुष्टि करता है। अत्यधिक गर्मी के कारण जंगल की आग से लेकर अत्यधिक बारिश की घटनाओं के कारण आती विनाशकारी बाढ़ और समुद्र एवं भूमि की...

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क्या श्रमिकों का फैक्ट्रियों से खेतों में बड़ी संख्या में पलायन ‘विकास’ की गाड़ी का उल्टी दिशा में जाना है

-द वायर, 2018-19 में कुल रोजगार में कृषि की हिस्सेदारी 42.5 फीसदी से 2019-20 में नाटकीय ढंग से बढ़कर 45.6 फीसदी हो गई. कुल रोजगार में कृषि की भागीदारी में यह इजाफा भारतीय अर्थव्यवस्था के एक चिंताजनक पहलू को दिखाता है. यह बढ़ोतरी उद्योग या सेवा क्षेत्र से कृषि में श्रमिकों की एक असामान्य बड़ी गतिशीलता की संकेतक हो सकती है. वास्तविक रोजगार की स्थिति के लिए भिन्न-भिन्न मापकों- काफी सख्त से ज्यादा उदार...

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आज़ादी@75: आंदोलन के 74 बरस और नई उम्मीद और नया रास्ता दिखाता किसान आंदोलन

-न्यूजक्लिक,  आज जब हम अपनी आजादी की 74वीं वर्षगांठ और 75वां दिवस मना रहे हैं, संविधान सभा के अंतिम भाषण में डॉ. आंबेडकर द्वारा दी गयी चेतावनी बेहद प्रासंगिक है जिसमें उन्होंने  कहा था कि देश एक अन्तरविरोधों भरे दौर में प्रवेश कर रहा है, हम एक राजनीतिक लोकतंत्र तो बन गए लेकिन सामाजिक लोकतंत्र कायम न हुआ तो यह राजनीतिक लोकतंत्र भी खतरे में पड़ जायेगा। इन 74 वर्षों में देश...

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