-द प्रिंट, छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में पिछले हफ्ते 101 महिलाओं की नसबंदी के मामला कुछ ऐसा है जो खुद इस पूरी प्रक्रिया की असली तस्वीर को सामने लाता है. महिला नसबंदी या ट्यूबेक्टॉमी परिवार नियोजन के उपलब्ध तरीकों में सबसे ज्यादा जटिल है. फिर भी भारत में कंडोम, इंट्रायूटराइन डिवाइस (आईयूडी), गर्भनिरोधक गोलियों और पुरुष नसबंदी की तुलना में परिवार नियोजन के इसी तरीके का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. राष्ट्रीय परिवार...
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ज्यादातर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड छिपाते हैं जरूरी जानकारियां, नहीं बरतते पारदर्शिता
-न्यूजलॉन्ड्री, प्रदूषण नियंत्रण के लिए राज्यों में बनाये गये प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आंकड़ों और जानकारियां साझा करने में जितना पारदर्शी होना चाहिए, उतना पारदर्शी नहीं हैं. ज्यादातर बोर्ड जरूरी जानकारियां छिपाते हैं. हैरानी की बात ये है कि अधिकतर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मौजूदा प्रदूषण स्तर के आंकड़ों को लेकर भी अपेक्षित पारदर्शी नहीं हैं. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने कई मानकों पर देश के 29 राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड...
More »आधिकारिक डेटा 2020 राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान शहरी क्षेत्रों में आजीविका संकट के गहराने की पुष्टि करता है!
हाल ही में जारी किया गया त्रैमासिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) डेटा मोटे तौर पर देशव्यापी लॉकडाउन अवधि के दौरान रोजगार और नौकरियों में गिरावट की पुष्टि करता है, हालांकि विभिन्न सर्वेक्षण-आधारित अध्ययन और शोध पत्र इस बात की ओर इशारा करते हैं कि पिछले साल लॉकडाउन के बाद के महीनों में कुछ हद तक सुधार हुआ है. पीएलएफएस पर त्रैमासिक बुलेटिन केवल वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) संदर्भ में...
More »मोदी सरकार के अधीन कोयले की नीलामियां: छत्तीसगढ़ को सालाना 900 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा
-न्यूजलॉन्ड्री, केंद्र सरकार ने छत्तीसगड़ में 2015 में दो कोयला ब्लॉकों की नीलामी की. इनमें एक ब्लॉक गारे पाल्मा IV/1 की 1,585 रुपये प्रति टन की बोली लगी जबकि दूसरे गारे पाल्मा IV/7 को 2,619 रुपये में नीलाम किया गया. हालांकि यह कीमतें कम थीं. इस नीलामी पर आरोप लगने के बाद सरकार ने इस अनुबंध को रद्द कर दिया. यह आरोप कार्टेलाइजेशन द्वारा लगाए गए. इसके बाद सरकार ने फिर से...
More »ऑक्सीजन की कमी से हुईं मौतों का डेटा सरकार के पास नहीं, अब लोग ही जुटा रहे आंकड़े
-कारवां, 24 अप्रैल 2021 की अल सुबह एरिक मैसी को दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल से एक फोन आया. उन्हें बताया गया कि सांस रुक जाने के चलते उनकी 61 वर्षीय मां डेल्फिन मैसी की मौत हो गई है. डेल्फिन को सप्ताह भर पहले कोविड-19 के गंभीर लक्षणों के चलते अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था. जिस सुबह उनकी मौत हुई एरिक उनके शव को लेने अस्पताल गए और देखा...
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