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भारत के प्रत्येक 10 में से 1 किशोर पर हुआ साइबर हमला, 50 प्रतिशत ने भी नहीं की रिपोर्ट : स्टडी

जनज्वार। गैर-सरकारी संगठन ‘चाइल्ड राइट्स एंड यू’ (CRY) ने अपनी एक स्टडी में पाया कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सर्वेक्षण में शामिल 630 किशोरों में से लगभग 9.2% ने साइबर हमले अनुभव किया था और उनमें से आधे ने शिक्षकों, अभिभावकों या संबंधित सोशल मीडिया कंपनियों को इसकी सूचना नहीं दी थी। 18 फरवरी 2020 को ‘ऑनलाइन स्टडी एंड इंटरनेट एडिक्शन’ शीर्ष के साथ जारी हुई स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक 22.4...

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सामाजिक असमानताओं के कुचक्र में फंसा 'डिजीटल इंडिया' का सपना

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) की एक हालिया रिपोर्ट डिजिटल डिवाइड और भारत के कैशलेस अर्थव्यवस्था बनने के विरोधाभास को उजागर करती है. नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) की ‘भारत में शिक्षा पर घरेलू सामाजिक उपभोग के प्रमुख संकेतक, जुलाई 2017 से जून 2018' नामक रिपोर्ट में कंप्यूटर और इंटरनेट की उपयोगिता के मामले में ग्रामीण-शहरी विभाजन काफी स्पष्ट दिखता है. शिक्षा पर 75वें दौर के नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) की...

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अर्थातः बचेगा डिजिटल इंडिया?

लड़खड़ाते मोबाइल नेटवर्क, घिसटते इंटरनेट और बढ़ते बिल के बीच टेलीकॉम बाजार को करीब से देखिए, आपको डिजिटल इंडिया हांफता नजर आएगा. वह उम्मीद छीजती दिखेगी जिसकी ताकत पर अर्थव्यवस्था को अगली छलांग लगानी है. सरकार ने वही किया है जो अब तक करती आई है, उसकी नीतियों ने फलते-फूलते प्रतिस्पर्धी दूरसंचार बाजार का गला दबा दिया है. ई कॉमर्स, ई गवर्नेंस, सबको मोबाइल, ई क्रांति (सेवाओं की इलेक्ट्राॅनिक डि‌िलवरी), डिजिटल...

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चुनौती बना ई-कचरे का ढेर

देश में डिजिटल क्रांति के साथ-साथ ई-कचरे की समस्या भी बढ़ी है और आज यह विकराल रूप धारण कर चुकी है। ई-कचरे को नष्ट करने के उपाय समझ नहीं आ रहे। आज का युग प्रौद्योगिकी का है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक कचरे का बढ़ते जाना निश्चित ही गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है। आज नवाचारों के कारण विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उद्योग फल-फूल रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का उपयोग और...

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इलेक्टोरल बॉन्ड: जो पैसा राजनीतिक दलों के खाते में जा रहा है उसका बोझ करदाता उठा रहा है

राजनीतिक चंदे की लेनदेन में काम आने वाले बैंकिंग चैनलों, खातों और मुद्रक को मिलाकर समूचे इनफ्रास्ट्रक्चर के रखरखाव और सुरक्षा पर गोपनीय अरबपति या प्राप्तकर्ता राजनीतिक दल एक पैसा अपनी ओर से खर्च नहीं करते. इसके बजाय यह लागत भारत सरकार के एक खाते कंसोलिडेटेड फंड आँफ इंडिया से वसूली जाती है जिसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से आने वाला राजस्व जमा होता है. इसके ठीक उलट आम भारतीय...

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