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काली कमाई : 'वहां' से ज्यादा 'यहां' - मोहन गुरुस्‍वामी

नई दुनिया(अग्रलेख) काले धन की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने सर्वोच्च अदालत को यह महत्वपूर्ण जानकारी दी कि भारतीयों का स्विस बैंकों में जहां 4,479 करोड़ रुपए का काला धन जमा है, वहीं अपने देश में ही 14,958 करोड़ काला धन है! यह जानकारी निश्चित ही चौंकाने वाली है, लेकिन इसके बावजूद इसे अप्रत्याशित नहीं कहा जा सकता। क्योंकि अर्थव्यवस्था की बारीकियों पर नजर रखने वालों को...

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मानव तस्करी: ट्रैफिकिंग की शिकार 26 लड़कियां पहुंचीं रांची रिश्तेदारों ने ही बेचा था

प्रभात खबर,रांची: ट्रैफिकिंग की शिकार झारखंड की 26 बालिकाओं को शुक्रवार को मुक्त करा कर रांची वापस लाया गया. भारतीय किसान संघ द्वारा दिल्ली में संचालित ट्रांजिट होम के सहयोग से इन बालिकाओं को गरीब रथ से रांची लाया गया. मुक्त करायी गयीं बच्चियां 12 से 17 आयु वर्ग की हैं. मुक्त करायी गयी बालिकाओं में से कांति कुमारी, विनीता कुमारी, मेरी कुमारी और जिलानी तथा सीता को कुल दो...

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सवा अरब लोगों के लोकतंत्र में सवा करोड़ से ज्यादा 'गुलाम'!

बात विरोधाभासी लग सकती है लेकिन दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहलाने वाले भारत में गुलामी की जिन्दगी जीने वाले लोगों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार भारत में गुलामी के आधुनिक रुपों से पीड़ित लोगों की संख्या 1 करोड़ 40 लाख 29 हजार है।(देखें नीचे दी गई लिंक)   ग्लोबल स्लेवरी इंडेक्स 2014 नामक रिपोर्ट के अनुसार चीन में 30 लाख 24 हजार, पाकिस्तान में...

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देश में डेढ़ करोड़ लोग जी रहे गुलामी की जिंदगी

मेलबर्न। भारत में लगभग 1.43 करोड़ लोग दासता का जीवन बिताने को मजबूर हैं। दुनियाभर में करीब 35.8 करोड़ इस तरह से जी रहे हैं। इनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। एक अध्ययन के मुताबिक, लोगों को मानव तस्करी के जरिये जबरन विवाह, वेश्यावृत्ति, बंधुआ मजदूरी और कर्ज नहीं चुका पाने के कारण दासता के लिए मजबूर किया जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में सोमवार को वॉक फ्री फाउंडेशन ने...

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कोर्ट की फटकार कितनी असरदार? - राजीव सचान

पिछले दिनों काले धन के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाने के चलते देश को यह संदेश गया, मानो पिछली सरकार की तरह नई सरकार भी इस मसले पर ढिलाई बरत रही है। लेकिन अब स्थिति यह है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में काम कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) और सरकार का स्वर एक ही है। दोनों ही कह रहे हैं...

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