रांची : राज्य सरकार ने भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल 2017 पर केंद्र सरकार द्वारा उठायी गयी आपत्ति का जवाब देते हुए उसे फिर से केंद्र के पास सहमति के लिए भेज दिया है. राजभवन से बिल की कॉपी केंद्र सरकार को भेज दी गयी है. गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल 2017 को पुनर्विचार के लिए वापस कर दिया था. केंद्रीय...
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मानवीय गरिमा के खिलाफ--- कनिष्का तिवारी
नए साल की शुरुआत में ही हस्त आधारित मल निस्तारण की वजह से सात लोग अपनी जान गंवा बैठे। वर्ष 2017 में यदि अखबारों के आंकड़ों पर ही गौर करें तो सौ दिनों के अंतराल में सत्रह मजदूरों को इस अमानवीय कार्य में लगने के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी। यह एक ऐसी समस्या है जो व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुंचाती है, साथ ही संविधान व मानवीय आचरण के...
More »बाल मजदूरी की जड़ें--- देवेन्द्र जोशी
भारत में बालश्रम एक समस्या तो है लेकिन विडंबना यह है कि यहां पहले से ही यह मान कर चला जाता है कि बच्चे इसलिए मजदूरी करते हैं कि इससे उनके परिवार का खर्च चलता है। यह तर्क अपने आप में इसलिए छलावा है कि इसको सच मान लेने का मतलब तो यह होगा कि सबसे गरीब परिवार के प्रत्येक बच्चे को स्कूल की पढ़ाई छोड़ कर काम पर लग...
More »अधूरे बदलाव और शोषण की कथाएं- विभूति नारायण राय
पुलिस की कठोर, उबाऊ और यांत्रिक दैनंदिनी में कई बार आपका साबका मानवीय जीवन के ऐसे कारुणिक पक्ष से पड़ता है कि आप अंदर-बाहर भीग जाते हैं। बरसों तक वे आपकी स्मृति का अंग बने रहते हैं। ऐसा ही एक अनुभव 1989 के इलाहाबाद कुंभ के दौरान मुझे हुआ था। हर 12 साल पर लगने वाले कुंभ के दौरान माघ (जनवरी-फरवरी) महीने में गंगा-यमुना के संगम तट पर एक अद्भुत...
More »स्वच्छता के नायक--- जेपी चौधरी
स्वच्छ भारत अभियान की जोरदार शुरुआत से लगा था कि देश स्वच्छ होगा। नई स्वच्छता नीति का निर्माण करते हुए सफाई के बुनियादी ढांचे में परिवर्तन होगा। सफाई कार्यों का बड़े पैमाने पर मशीनीकरण होगा और सफाई कामगारों को मैला ढोने से निजात मिलेगी। लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात रहा। न तो सफाई के परंपरागत तरीकों में कोई परिवर्तन आया और न ही सफाई कामगारों को मैला ढोने...
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