मोंगाबे हिंदी, 29 नवम्बर इस साल फरवरी में लद्दाख में कुत्तों से घिरी जंगली बिल्ली का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। कई समाचार संगठनों ने इस क्लिप को अपने ‘वायरल वीडियो‘ सेक्शन में पब्लिश किया। इस वीडियो पर आए कमेंट्स में लोग इस जंगली जानवर के बारे में जानने को उत्सुक थे। कुछ अनुमान सही नहीं थे और उनका कहना था कि यह घरेलू कुत्ते और...
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पश्चिम बंगाल के कोयला खदान के पास रहने वालों का अभी तक पुनर्वास नहीं
मोंगाबे हिंदी, 27 अक्टूबर जैसे ही आप पश्चिम बंगाल के इस गांव की चौड़ी और टूटी-फूटी हुई सड़क पर चलते हैं, यह साफ हो जाता है कि यहां कुछ विनाशकारी हुआ है। चारों ओर टूटे-फूटे मकान हैं। इन्हीं में से एक घर तपन पाल का है। उनके घर की दो मंजिला इमारत का एक हिस्सा जुलाई 2020 की रात में भरभराकर गिर गया था। इसकी ईंटें यहां-वहां बिखरी पड़ी हैं। आगे चलने...
More »राजस्थानः 2021 में तस्करों से बचाई गई हथिनी को पुनर्वास का इंतजार
मोंगाबे हिंदी, 13 सितम्बर राजस्थान में, 500 दिन पहले तस्करों से बचाई गई एक हथिनी अभी भी पुनर्वास के लिए उचित जगह का इंतजार कर रही है। इसकी तबीयत लगातार खराब होती जा रही है। दरअसल जहां इसे रखा गया है वहां बचाए गए हाथियों के इलाज के लिए उचित सुविधा नहीं है। अधिकारियों को नहीं पता कि आगे क्या होगा। 18 नवंबर, 2021 को, राजस्थान के वन विभाग ने राज्य की...
More »जोशीमठ भूधंसाव के मामले में केंद्र सरकार ने दिया गोलमोल जवाब
डाउन टू अर्थ, 1 अगस्त जोशीमठ भूधंसाव के मामले में सरकार से संसद में सवाल पूछा गया, लेकिन सरकार की ओर से केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने पुरानी बातें दोहरा दी। उन्होंने बताया कि भूधंसाव के बाद तपोवन-विष्णुगाड पन बिजली परियोजना और हेलंंग मारवाड़ी बाइपास का काम रोक दिया गया था। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि हेलंग बाइपास का काम बाद में शुरू...
More »तीन दिन से क्यों पैदल चल रहे हैं आदिवासी, क्या हैं उनकी मांगें?
डाउन टू अर्थ, 24 फरवरी छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में 39 से अधिक गांवों के आदिवासियों ने तीन दिवसीय पदयात्रा शुरू की है। आदिवासियों की मांग है कि विकास के नाम पर उनकी जमीनों को सरकार ने हथिया लिया, लेकिन अब तक न तो पुनर्वास किया गया और न ही उचित मुआवजा दिया गया है। साथ ही, उन्हें उनकी जमीनों पर बनी खदानों व पावर प्लांटों से निकलने वाला प्रदूषण भी झेलना...
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