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नदी के प्रवाह को बचाने के लिए-- विजय कुमार चौधरी

पिछले दिनों केंद्र सरकार के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनर्जीवीकरण मंत्रालय द्वारा विभिन्न नदियों में गाद और कटाव की समस्या के अध्ययन के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई। यह समिति गाद जमा होने और कटाव के कारणों का अध्ययन करेगी, और इनसे जुड़ी समस्याओं के निदान के सुझाव देगी। वैसे तो यह नदियों से जुड़ी आम समस्या है, पर यह समिति गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी का...

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पचास साल में बंजर हो जाएगी रीवा जिले की धरती!

रीवा। ब्यूरो। आने वाले पचास साल में जिले की उपजाऊ धरती बंजर हो सकती है। इस तथ्य का खुलासा हाल ही में प्रयोगशाला में हुई मिट्टी की जांच से हुआ है। जांच में पता चला है कि मिट्टी में जिंक की कमी के साथ लगातार नाइट्रोजन फॉसफोरस, पोटास की अधिकता बनी हुई है। मिट्टी जांच प्रयोगशाला के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी का दावा है कि इसी तरह यदि जिंक की...

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वो 5 बातें जिनकी वजह से मनाना पड़ रहा है पृथ्‍वी दिवस

22 अप्रैल को दुनिया के 192 देश 46वां विश्व पृथ्वी दिवस मना रहे हैं। लेकिन मात्र एक दिन पृथ्वी दिवस के रूप में मना कर हम प्रकृति को बर्बाद होने से नहीं रोक सकते हैं। जीवन और पर्यावरण एक-दूसरे के पूरक हैं। पर्यावरण के बगैर जीवन असम्भव है। कोई दो राय नहीं कि अगर पृथ्‍वी खतरे में रहेगी तो मनुष्‍य जाति भी खतरे में रहेगी। दुर्भाग्‍यवश पृथ्‍वी का अस्ति‍त्‍व खतरे...

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मिलावटी दूध की बहती गंगा - भवदीप कांग

शुरुआत इसी विरोधाभासी तथ्य से करें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है! पिछले पंद्रह वर्षों में भारत में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता बढ़कर लगभग दोगुनी हो गई है। अब यह 322 ग्राम प्रतिदिन है। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि जब भारत में दूध की मांग व आपूर्ति का तंत्र अच्छी तरह विकसित हो चुका है तो हम मिलावटी दूध पीने को मजबूर क्यों हैं?...

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बागवानी में दूसरे स्थान पर भारत

बीते कई वर्षों से देश में किसानों को मॉनसून के धोखे से रू-ब-रू होना पड़ रहा है. बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी. उनकी हिम्मत, मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि आज बागवानी के क्षेत्र में देश दुनिया में दूसरे स्थान पर है. स्थिति यह कि हमारे यहां लगातार तीसरे साल खाद्यान्न के मुकाबले फल व सब्जियों का उत्पादन बढ़ा है. पेश है एक रिपोर्ट... 2014-15 में लगातार तीसरे...

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