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बनारस के मुसहर गांवों में चिंता का सबब बन रहा है कुपोषण का दोहरा बोझ

-जनपथ, आर्थिक मशीनरी की विफलता के कारण बच्‍चों के अस्तित्व, स्वास्थ्य और पोषण पर कोविड-19 का प्रभाव व्यापक रहा है। वाराणसी जिले के बड़ागांव प्रशासनिक ब्लॉक के अन्‍नाई और पड़ोसी गांवों में पाया गया कि वहां के निवासी दलितों के बीच सबसे ज्यादा हाशिये वाले मुसहर समुदाय के बच्चे आम तौर से कुरकुरे, चिप्स और क्रीम बिस्कुट सहित सस्ते पैकेज्ड खाद्य पदार्थ खाते हैं, जिनमें नमक और चीनी का स्तर अधिक...

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झारखंड: ‘स्वामित्व योजना’ लागू होने से आशंकित आदिवासी, गांव-गांव किए जा रहे ड्रोन सर्वे का विरोध

-न्यूजक्लिक, झारखंड की राजधानी रांची से सटा आदिवासी बाहुल्य खूंटी ज़िले का इलाका एक बार फिर अशांत सा होने लगा है। वजह है प्रशासन द्वारा आदिवासी गांवों का जबरन ड्रोन सर्वे कराया जाना। जिसे लेकर पूरे इलाके के आदिवासियों में काफी भ्रम और आशंकाएं बढ़ रहीं हैं। गौरतलब है कि इसी खूंटी जिला और इसके आसपास के इलाकों में एक समय माओवादी हिंसा रोकने के नाम पर उनकी धर-पकड़ व उनका लोकेशन...

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किसान आंदोलनः ऐतिहासिक फतह और अब आगे

-जनपथ, पिछले एक साल से चल रहा किसान आंदोलन अभूतपूर्व जीत के साथ फिलहाल स्थगित कर दिया गया। सरकार द्वारा किसानों पर लगाए कानूनी मुकदमों की वापसी समेत अन्य दूसरी सभी मांगें मंजूर होने का आधिकारिक पत्र मिला। इसके बाद इस मुद्दे पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हुई हुई जिसमें किसानों ने आंदोलन को खत्म तो नहीं, मगर इसे स्थगित रखने का फैसला किया है। इस ऐतिहासिक किसान आंदोलन के दौरान...

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कार्डधारकों को अक्टूबर से आवंटित नहीं किया गया राशन, अंत्योदय कार्डवालों के खाते से 2 किलो अनाज की हो रही कटौती

-न्यूजविंग, गढ़वा में राशन वितरण सेवा में गड़बड़ियों की रिपोर्ट सामने आयी है. भोजन का अधिकार अभियान से जुड़े सदस्यों जेम्स हेरेंज, मिथिलेश कुमार समेत अन्य लोगों ने 1 और 2 दिसंबर को जिले के बड़गढ़ ब्लॉक का क्षेत्र भ्रमण किया था. इस दौरान तीन पीडीएस सेवा प्रदाताओं के अलावा बीडीओ और ग्रामीणों से भी बात की थी. परसवार पंचायत के कलाखजुरी गांव में ग्रामीणों के साथ बैठक भी हुई. इस दौरान...

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जम्मू कश्मीर: वन क्षेत्र बढ़ाने के वादे के उलट प्रशासन ने सशस्त्र बलों को अतिरिक्त वन भूमि दी

-द वायर, जम्मू कश्मीर प्रशासन ने साल 2019 से लेकर अब तक 250 हेक्टेयर से अधिक पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील भूमि को सशस्त्र बलों को हस्तांतरित की है. पांच जनवरी साल 2019 को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया गया था. यह कदम हाल ही में सीओपी26 (COP26) जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भारत द्वारा किए गए उस वादे के विपरीत है, जिसमें सरकार ने...

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