-न्यूजलॉन्ड्री, पिछले तीस वर्षों की भारतीय राजनीति, खासकर उत्तर भारतीय राजनीति पर जब टिप्पणीकार टिप्पणी करते हैं तो सामान्यता इस बात का जिक्र करना नहीं भूलते कि किस तरह विभिन्न जाति के नेताओं ने सिर्फ अपनी जाति का विकास किया. वही टिप्पणीकार हालांकि जान-बूझकर इस बात को भूल जाते हैं कि बिहार में विकास भी जाति के आधार पर होता है. दरअसल, वहां आज तक जातिगत आधार पर ही विकास को...
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बिहार में सोशल मीडिया की ताकत के बूते चुनावी एजेंडा सेट करने में आगे बीजेपी
-कारवां, 25 सितंबर को भारतीय निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 28 अक्टूबर से 7 नवंबर के बीच तीन चरणों में कराए जाने की घोषणा की. इससे पहले आयोग ने कोविड-19 महामारी में चुनाव करवाने के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी किए थे और बिहार के लिए कुछ खास सिफारिशें की थीं. ये सिफारिशें फिजिकल प्रचार अभियान को बहुत हद तक प्रतिबंधित करती हैं. इन नियमों के बाद बिहार में राजनीतिक दल...
More »गुजरात मॉडल को भूल जाइए, भविष्य यूपी मॉडल का है
-द वायर, मानो उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित किशोरी के साथ बलात्कार और प्रताड़ना कम डरावनी थी, पुलिस ने शव को घर ले जाने देने की अपील को खारिज करते हुए रातोंरात सबसे छिपकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया. बलात्कार का आरोप ठाकुर जाति के चार पुरुषों पर है. यह पूरा वाकया अगड़ी जाति के अहंकार और पुलिस की हृदयहीनता को दिखाता है. भारत में पुलिस दुर्भावना से भरी हुई और...
More »"कृषि विधेयकों से किसानी पर हो जाएगा कॉरपोरेटों का कब्जा," पंजाब के आंदोलनरत किसान
-कारवां, 14 सितंबर को जब पंजाब और हरियाणा में किसान संगठन विरोध कर रहे थे केंद्र सरकार ने संसद में कृषि से संबंधित तीन विधेयक पेश किए. इन विधेयकों ने जून में घोषित किए गए तीन अध्यादेशों, किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश (2020), किसानों के (सशक्तिकरण और संरक्षण) के लिए मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा समझौता अध्यादेश (2020) और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश (2020) को प्रतिस्थापित कर...
More »कृषि विधेयक और श्रम क़ानून में बदलाव: महामारी के बीच मोदी सरकार का विध्वंसकारी खेल
-द वायर, पिछले साल नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया था कि बड़े संरचनात्मक सुधारों जैसे नोटबंदी और जीएसटी ने अर्थव्यवस्था और इसके विकास में गंभीर व्यवधान पैदा किया है, भले ही ऐसे सुधार लंबे समय में फायदेमंद होंगे. इससे पहले कि इन तबाही लाने वाले मशहूर सुधारों के कोई लाभ दिखाई देते, मोदी सरकार ने नए कृषि विधेयकों और श्रम कानूनों में बदलाव के रूप...
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