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राहत औऱ पुनर्वास के लिए GoM पुनर्गठित

नई दिल्ली. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 15 हजार लोगों को मौत की नींद सुला देने वाली भीषण गैस त्नासदी के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों की समीक्षा करने के लिए केन्द्रीय गृहमंत्नी पी. चिदम्बरम की अध्यक्षता में मंत्नियों के एक समूह का आज गठन किया गया। 25 वर्ष पूर्व हुई इस गैस रिसाव घटना के समय गठित मंत्नी समूह के अध्यक्ष मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्नी अर्जुन सिंह थे। मंत्नियों का यह समूह एक गैस त्रासदी से पीड़ित परिवार...

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बीजों के मूल्य पर नियंत्रण से बेबश हैं निजी कंपनियां

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कुछ राज्यों में बीजों के मूल्य पर नियंत्रण कानून लागू करने से बीज कंपनियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इन कंपनियों ने सरकार से संसद में विचाराधीन 'बीज विधेयक-2004' में किसी तरह का संशोधन न करने की गुजारिश की है। जबकि गुजरात, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्य बीज मूल्य पर नियंत्रण बनाए रखने के हिमायती हैं। इस संबंध में राष्ट्रीय बीज संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने...

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विवाद के बीज- एक विधेयक बहुराष्ट्रीय निगमों के पक्ष में?

सरकार जिस बीज विधेयक को पारित करने के फिराक में है  उसके बारे में सबसे मौजूं सवाल यह है कि क्या इससे किसानों की जीविका का कोई हित सध पाएगा या फिर इस विधेयक के पारित होते ही बीजों के बाजार में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए सरपट दौड़ लगाने का रास्ता खुल जाएगा और किसानों के हितों की अनदेखी होगी। नये बिल की मंशा बीजों के बाजार का नियमन करना...

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बाढ़ के पानी में भोजन का अधिकार विधेयक

आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में जारी बाढ़ से लाखों की तादाद में ग्रामीण गरीबी रेखा से नीचे आ गए हैं। बाढ़ की विभीषिका तो थमने का नाम नहीं ले रही है लेकिन इस विभीषिका से, गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की गणना के लिए जो मानक प्रस्तावित भोजन का अधिकार विधेयक के संकल्प पत्र में सुझाये गए हैं, उनकी पोल जरुर खुल गई है। अकेले आंध्रप्रदेश और कर्नाटक...

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सूचना का अधिकार

[inside]आरटीआई कानून का इस्तेमाल करने पर मार दिए गये बिहार के निवासियों पर एक रिपोर्ट आई है. जानिये रिपोर्ट की मुख्य बातें[/inside] पूरी रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए कृपया यहाँ क्लिक कीजिये. साल 2010 से लेकर अब तक, बिहार में आरटीआई कानून का इस्तेमाल करने के कारण कुल 20 कार्यकर्ताओं ने अपनी जान गवाई है. लगभग आधे कार्यकर्ताओं की हत्या पिछले 4 साल में हुई हैं. वर्ष 2018 में छह कार्यकर्ताओं की हत्या की...

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