डाउन टू अर्थ, 01 मई इस बार का ग्रीष्मकालीन मौसम अपने अलग-अलग तरह के रंग दिखा रहा है। जहां कुछ दिनों तक पारा हर दिन छलांग लगा रहा था लोगों को लू का प्रकोप झेलना पड़ रहा था, वहीं अब देश के अधिकतर हिस्सों में तूफानी हवाओं के साथ भारी बारिश, ओलावृष्टि देखने को मिल रही है। मौसम विभाग ने इस रंग बदलते मौसम के पीछे कुछ हद तक पश्चिमी विक्षोभ को...
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जलवायु परिवर्तन की मार भारत पर सबसे अधिक, जोखिम घटाने के लिए बढ़ाना होगा निवेश
मोंगाबे हिंदी , 28 अप्रैल जलवायु परिवर्तन से बुनियादी ढांचे पर बढ़ रहे जोखिम के मामले में भारत सबसे ऊपर के देशों में शामिल है। हाल ही में आई वैश्विक भौतिक जलवायु जोखिम रिपोर्ट (ग्लोबल फिजिकल क्लाइमेट रिस्क रिपोर्ट) में ये बात कही गई है। इस रिपोर्ट को क्रॉस डिपेंडेंसी इनिशिएटिव (एक्सडीआई/XDI) ने तैयार किया है। यह संगठन भौतिक जलवायु जोखिम के विश्लेषण में माहिर हैं। इसने दुनिया भर में 2,600...
More »इस्मा ने चीनी उत्पादन अनुमान 12 लाख टन घटाया, 328 लाख टन रहने की लगाई उम्मीद
रूरल वॉइस, 27 अप्रैल चीनी उद्योग के शीर्ष संगठन इस्मा (इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन) ने चीनी उत्पादन के अपने पूर्वानुमान में 12 लाख टन की कटौती कर दी है। इस्मा ने अब अपने ताजा अनुमान में कहा है कि चालू विपणन वर्ष में देश में 328 लाख टन चीनी का उत्पादन होगा। उद्योग संगठन ने इससे पहले 340 लाख टन उत्पादन का अनुमान लगाया था। देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य...
More »अप्रैल में इतिहास की सबसे भयानक हीटवेव को देखते हुए दक्षिण एशिया को तुरंत क्लाइमेट एक्शन की मांग उठानी चाहिए
द थर्ड पोल, 25 अप्रैल जब हीटवेव यानी प्रचंड लू हमारे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के रास्ते में बाधा बन जाए तो इसका मतलब है कि वक्त आ गया है कि हम सभी क्लाइमेट एक्शन यानी जलवायु कार्रवाई की मांग करें। यह बात मैं एक जलवायु वैज्ञानिक और दो छोटे बच्चों की मां के रूप में लिख रही हूं। मैं उस टीम की एक मेंबर रही हूं जिसने मार्च 2023 में इंटरगवर्नमेंटल पैनल...
More »झारखंड के 85% कोयला श्रमिक चाहते हैं वैकल्पिक रोजगार के लिए प्रशिक्षण: रिपोर्ट
कार्बनकॉपी, 24 अप्रैल भारत 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है, जिसके लिए कोयले को चरणबद्ध तरीके से समाप्त (फेज आउट) करने की आवश्यकता है। इस एनर्जी ट्रांजिशन का कोयला श्रमिकों की आजीविका पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। यह प्रभाव विशेष रूप से झारखंड जैसे राज्यों में गंभीर होगा, जहां भारत की एक चौथाई से अधिक कोयले की खानें हैं। झारखंड में ऊर्जा परिवर्तन के प्रभावों और...
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