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कानून से बचने के लिए क्या रास्ता अपनाते हैं आरओ प्लांट संचालक?

डाउन टू अर्थ, 26 मार्च दिल्ली से लेकर देश के सूखाग्रस्त इलाकों में भी भूजल निकालकर आरओ प्लांट्स के जरिए पानी फिल्टर करने की होड़ चल पड़ी है। इसमें अनगिनत प्लांट्स ऐसे हैं जिनके पास किसी तरह की अनुमतियां नहीं हैं और न ही वे भारत मानक ब्यूरो के दायरे में ही आते हैं। दिल्ली ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार में ऐसे कई जिले हैं जहां एक...

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कैसे काम करता है भीख मांगने और सर्कस से बचाए गए हाथियों का संरक्षण केंद्र

मोंगाबे हिंदी, 20 मार्च आज से 14 साल पहले हरियाणा के पलवल हाईवे पर एक हथिनी चोटिल घूम रही थी। वन्यजीवों को बचाने वाली एक टीम ने उसकी देखभाल की। गंभीर चोट की वजह से उसे बचाया न जा सका। हथिनी का नाम चंपा था और बचाने वाली टीम वाइल्डलाइफ एसओएस नामक संस्था की थी। इस संस्था की स्थापना साल 1995 में भारत के भारत के वन्यजीवन की रक्षा के लिए...

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खेती-बाड़ी को किस दिशा ले जाएगी घटते खेतों की प्रवृत्ति?

कार्बन कॉपी, 27 फरवरी दरअसल दुनिया अब नए खेतों को बनता नहीं देख पाएगी। बजाय इसके खेतों का एकीकरण शुरू होगा। भारत जैसे देशों के साथ ही एशिया, अफ्रीका व उत्तरी अमेरिका के अधिकांश गरीब और विकासशील देशों के लिए यह एक ऐसा बदलाव है, जिसके बारे में हमने कभी नहीं सोचा था। और इसलिए हम इसके परिणामों के लिए तैयार नहीं थे। उदाहरण के लिए भारत में क्रियाशील कृषि जोतों की...

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क्या एम.एस.पी की मांग सिर्फ एक चुनावी नाटक है ?

वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने किसानों से जुड़े मसलों पर तीन कानून बनाएँ। जिसका किसानों ने भारी विरोध किया। दिल्ली की सरहदों पर डेरा डाला। करीब 13 महीनों की रस्सा-कशी के बाद समाधान का रास्ता निकला। केंद्र सरकार ने तीनों कानूनों को निरस्त कर दिया। किसानों ने धरना/आन्दोलन ख़त्म कर दिया। किसान अपने-अपने घरों की ओर लौट गए। करीब दो वर्ष बाद, एक बार फिर किसान दिल्ली की ओर...

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सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं तक सीमित पहुंच से कैसे रोहिंग्या शरणार्थी प्रभावित हो रहे हैं?

इंडियास्पेंड, 22 फरवरी अपनी चेकदार लूंगी का एक हिस्सा मोड़कर पड़ोस के अस्थायी तंबू के पास पैर फैलाकर बैठे हैं और अपने अंगूठे पर लगे खुले घाव पर मक्खियों को बैठने से रोक रहे हैं। यह अगस्त की सुबह है और हम बेंगलुरू में हैं। वसीम कचरा बीनने का कार्य करते हैं। जहां वह बैठे हैं वह खुली जगह है और वहां से लगातार वाहनें गुजर रही हैं, जिससे उनको ठंड भी...

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