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नवउदारवाद और राष्ट्रवाद के बीच में खेती-किसानी का भविष्य

-न्यूजक्लिक, सभी जानते हैं कि तीसरी दुनिया के देशों में मुक्ति का संघर्ष जिस साम्राज्यविरोधी राष्ट्रवाद से संचालित था, वह उस पूंजीवादी राष्ट्रवाद से बिल्कुल भिन्न प्रजाति की चीज थी, जिसका जन्म सत्रहवीं सदी में यूरोप में हुआ था। पश्चिम में इस तरह की प्रवृत्ति है, जिसमें प्रगतिशील भी शामिल हैं, जो राष्ट्रवाद को एकसार तथा प्रतिक्रियावादी श्रेणी की तरह देखती है। वे साम्राज्यविरोधी राष्ट्रवाद तक को यूरोपिय पूंजीवादी राष्ट्रवाद के...

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भारत में बेतहाशा फैलती जा रही है ग़रीबी!

-न्यूजक्लिक, मीडिया के प्रचार के दम पर चल रही मोदी सरकार ने बड़े लंबे समय से गरीबी के आंकड़े जारी नहीं किए हैं। इस पर मीडिया वाले कभी सवाल भी खड़ा नहीं करते हैं। अगर सवाल खड़ा करते तो जिस तरह से चौक चौराहों पर 135 करोड़ वाले देश में ओलंपिक में गिरकर 5 मेडल न मिल पाने पर चर्चा हो रही है ठीक उसी तरह गरीबी पर भी चर्चा होती।...

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किसान संसद: अब देश चलाना चाहती हैं महिला किसान

-न्यूजक्लिक, खेतों में भी हम कमाते हैं, देश को भी हम चलाएंगे,..घरों को भी हम चलाते हैं, देश को भी हम चलाएंगे, महिला शक्ति आई है, नई रोशनी लाई है... और यह नारे लगाते हुए महिला किसानों का जत्था अपनी अनोखी और ऐतिहासिक संसद सजाने के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंच गया। देश की संसद के समानांतर, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्षरत किसानों ने किसान संसद का आह्वान किया और...

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महंगाई और महामारी: करोड़ों के हाथ आई गरीबी

-आउटलुक, “कोविड-19 से हर तबका प्रभावित, कोई बिजनेस बेचने तो कोई मेड का काम करने को मजबूर, लेकिन अमीरों की अमीरी भी बढ़ी” अभी एक ही दशक हुआ जब भारतीयों ने अपने खर्च के तौर-तरीके और जीवन शैली में बदलाव लाना शुरू किया था। वे बचत की परंपरागत सोच की जगह खर्च करने पर ज्यादा जोर दे रहे थे। भारतीयों की सोच में आए इस बदलाव पर पश्चिमी देशों का स्पष्ट प्रभाव...

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20 वर्षों के विश्लेषण से हुआ ख़ुलासा, पेट्रोल और डीज़ल के बढ़े दामों से कभी भी इनकी खपत कम नहीं हुई है

-द प्रिंट, मार्च-अप्रैल में विधान सभा चुनावों के बाद से निरंतर वृद्धि के चलते, राष्ट्रीय राजधानी समेत देश के कई हिस्सों में, पेट्रोल के दाम 100 रुपए प्रति लीटर के निशान को पार कर गए. लेकिन, अगर क़ीमतें बढ़ रही हैं तो क्या ईंधन की खपत पर इसका असर नहीं होना चाहिए? वित्त वर्ष 1999-2000 और 2019-20 के बीच, 20 वर्षों के अधिकारिक आंकड़ों पर नज़र डालने पर पता चलता है, कि पेट्रोल...

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