जो महिलाएं दफ्तरों में काम करती हैं या बिजनेस संभालती हैं, उनकी सेवाओं की कीमत कमाई के आंकड़े से आंकी जा सकती है, लेकिन एक गृहिणी की सेवाओं और परिवार के प्रति समर्पण भाव की कीमत कैसे आंकी जाए? ऐसे ही एक मामले में चेन्नई के दुर्घटना दावा प्राधिकरण की संकीर्ण सोच सामने आई है। मामला है 31 वर्षीय सेल्वी का, जो कपड़े बेचकर पांच हजार रुपए प्रतिमाह कमाती थीं। एक...
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अर्थशास्त्री लॉर्ड मेघनाथ देसाई ने कहा, बंधुआ मजदूर की तरह हैं घर में काम करनेवाले
रांची: प्रसिद्ध अर्थशास्त्री लॉर्ड मेघनाद देसाई ने कहा कि अपने घर में काम करनेवालों (हाउसहोल्ड वर्कर) की स्थिति बंधुआ मजदूरों की तरह है. उनके काम की न तो गिनती होती है और न ही उनको इस काम के बदले मजदूरी मिलती है. अपने घर में काम करनेवालों की स्थिति बाजार में काम करनेवालों से पूरी तरह से अलग है. वह बिना किसी शर्त और भुगतान के काम करते हैं. राष्ट्र के...
More »पहले मन साफ कीजिए, फिर सड़क- हर्षमंदर
इन दिनों देश में साफ-सफाई को लेकर एक बड़े सामाजिक आंदोलन की गहरी कसक दिखाई पड़ रही है। गांधी के नाम को याद किया जाने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे बढ़कर स्वच्छता अभियान की अगुवाई की। उनके मंत्रियों और अधिकारियों ने कैमरों के आगे झाड़ू पकड़े। कॉलेज और स्कूलों के बच्चों ने गंदगी के खिलाफ और अपने आस-पड़ोस को साफ-सुथरा रखने की शपथ ली। इसके पहले प्रधानमंत्री ने...
More »मनरेगा में सुधर रही है महिलाओं की हालत
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) से महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद मिली है। एक विश्वविद्यालय द्वारा किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है। केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज ऐंड ओसिएन स्टडीज (केयूएफओएस) के अध्ययन के मुताबिक, योजना के अंतर्गत काम कर रहे 97.3 फीसदी कामगार महिलाएं हैं। यह अध्ययन अलपुझा जिले में मनरेगा योजना के प्रभाव के आकलन के तहत किया गया है।केरल...
More »नरेगा : प्रधानमंत्री के नाम गणमान्य नागरिकों की चिट्ठी
सेवा में, 13 अक्तूबर 2014 श्री नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री, भारत ...
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