नई दिल्ली [डॉ. ऋतु सारस्वत]। भारत अपनी स्वतंत्रता के छह दशक बिता चुका है और इन वर्षो में भारत में बहुत कुछ बदला है। विश्व के सबसे मजबूत गणतंत्र में सभी को अपनी इच्छा से जीने, सोचने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता मिली है, जिसका हम उपभोग भी कर रहे हैं। हालाकि एक वर्ग ऐसा भी है जो आज भी इस सुखानुभूति से वंचित है और वह...
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दयनीय दशा में बच्चे- स्टेट ऑव द वर्ल्ड चिल्ड्रेन 2011
अगर जानना चाहें कि कोई देश प्रगति के किस मुकाम तक पहुंचा है तो पैमाना बनाइए उस परिवेश को जिसमें वहां बच्चे बड़े हो रहे हैं। परिवेश कुपोषण, भुखमरी, अस्वास्थ्यकर अड़ोस-पड़ोस और जबरिया बाल-मजदूरी का हो तो देश को प्रगति के क्रम में बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।द स्टेट ऑव वर्ल्ड चिल्ड्रेन रिपोर्ट के तथ्यों से पता चलता है कि विश्व के भावी नागरिकों के हक में बड़ा कम निवेश किया जा रहा है।...
More »तीन और प्रसूताओं ने दम तोड़ा दो की हालत गंभीर
जोधपुर। उम्मेद अस्पताल में प्रसव के बाद रक्तस्राव से प्रसूताओं की मौत के मामले में भले ही चिकित्सा मंत्री ने सभी को क्लीन चिट दे दी, लेकिन मौतों का सिलसिला अभी रुका नहीं है। पिछले तीन दिनों में तीन और प्रसूताओं खांडा फलसा निवासी रुखसाना (20), नाजो (28) व भोपालगढ़ निवासी रेखा (23) ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। उन्हें गंभीर हालत में महात्मा गांधी अस्पताल आईसीयू में शिफ्ट किया गया...
More »माताओं-शिशुओं की देखभाल को ई-महतारी योजना
रायपुर। छत्तीसगढ़ में माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए ई महतारी योजना शुरू की जा रही है, जिसके तहत राज्य में माताओं और शिशुओं की जानकारी की प्रणाली हाईटेक हो जाएगी। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यहां बताया कि राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ की माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल की प्रणाली को हाईटेक किया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग...
More »चौदह लाख मौत, जिन्हें टाला जा सकता था
नई दिल्ली. भारत में एक साल के दौरान करीब 14 लाख नवजात शिशुओं की मौत पांच ऐसी बीमारियों की वजह से हुई, जिनका इलाज सामान्य रूप से हर जगह मौजूद हैं। करीब आठ शिशु तो एक माह की आयु भी पूरी नहीं कर पाए। इस ताजा अध्ययन से नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के प्रयासों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारत में पांच साल की उम्र से छोटे करीब...
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