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दैनिक भास्कर की वो रिपोर्ट्स, जिनके कारण पड़ा आईटी का छापा!

-न्यूजलॉन्ड्री, देश के प्रतिष्ठित अखबारों में से एक दैनिक भास्कर समूह पर बीती रात से ही आयकर विभाग छापेमारी कर रहा है. यह छापेमारी अखबार के गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में स्थित दफ्तरों में की जा रही है. इस छापेमारी पर भास्कर ग्रुप ने एक खबर प्रकाशित की है. जिसका शीर्षक है, “सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार”. खबर में बताया गया है कि उन्होंने कोविड की दूसरी लहर के दौरान...

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क्या भारत के कोविड डेटा पर विश्वास किया जा सकता है? देखिए यह आंकड़े

-न्यूजलॉन्ड्री, इस लेख में, हम हर दिन हर घंटे पैदा हो रहे कोविड से जुड़े डेटा को समझने का प्रयास करेंगे. लेकिन विस्तार में जाने से पहले आइए समझने की कोशिश करें कि इस लेख का उद्देश्य क्या है? लक्ष्य कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर लगता है कि बीत गई है. पिछले कुछ हफ्तों से, कोविड के रोजाना नए मामलों और प्रतिदिन होने वाली मौतों में कमी आ रही है. लेकिन दूसरी लहर...

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जिस तरह अंग्रेजों ने बिरसा मुंडा को जेल में मार डाला, उसी तरह भारत सरकार ने स्टेन को: स्वामी के साथी

-आउटलुक, "लेकिन हम फिर भी समूहों में गाएंगे,  पिंजरे में बंद पंछी अभी भी गा सकता है।" ये शब्द किसी और के नहीं बल्कि फादर स्टेन स्वामी के थे, जिन्होंने जेल से अपने एक साथी जेसुइट पादरी को लिखे पत्र में कहा था। दोनों हाथों में लगातार झटके के साथ तेज पार्किंसंस बीमारी से पीड़ित स्टेन ने पत्र लिखने के लिए इस दर्द को उठाया, क्योंकि वो अन्य कैदियों की दुर्दशा को उजागर...

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महंगाई और महामारी: करोड़ों के हाथ आई गरीबी

-आउटलुक, “कोविड-19 से हर तबका प्रभावित, कोई बिजनेस बेचने तो कोई मेड का काम करने को मजबूर, लेकिन अमीरों की अमीरी भी बढ़ी” अभी एक ही दशक हुआ जब भारतीयों ने अपने खर्च के तौर-तरीके और जीवन शैली में बदलाव लाना शुरू किया था। वे बचत की परंपरागत सोच की जगह खर्च करने पर ज्यादा जोर दे रहे थे। भारतीयों की सोच में आए इस बदलाव पर पश्चिमी देशों का स्पष्ट प्रभाव...

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समय से पहले हो सकती ब्लैक कार्बन की वजह से मृत्यु, शोध में आया सामने

-डाउन टू अर्थ, हाल ही में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किए अध्ययन से पता चला है कि ब्लैक कार्बन की वजह से समय से पहले मृत्यु हो सकती है। यही नहीं, ब्लैक कार्बन का इंसान के स्वास्थ्य पर अनुमान से कहीं ज्यादा बुरा असर पड़ता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह अध्ययन भविष्य में वायु प्रदूषकों और उससे जुड़े मृत्युदर के बुझ का अधिक सटीक...

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