हमारा संविधान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के गांव को स्वावलंबी व उन्हें एक स्वायत्त शासन इकाई बनाने के सपने के अनुरूप है. हमारे गांव ऐसे हों, जो अपने फैसले खुद लें और अपनी जरूरत की अधिक से अधिक चीजों का उत्पादन खुद करें. संविधान में ग्राम पंचायत को एक स्वायत्त शासन इकाई के रूप में स्थापित करने के लिए विधानमंडल को सभी जरूरी उपाय करने का कहा गया है. भारत के...
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संविधान की रक्षा के लिए न्यायिक सक्रियता जरूरी- जस्टिस आर एस सोढ़ी
इस साल सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार और चुनाव सुधार की दिशा में कई अहम फैसले सुनाये. इन फैसलों के दूरगामी असर होंगे. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के इन फैसलों से एक बार फिर न्यायिक सक्रियता का सवाल उठा और कई लोगों ने न्यायपालिका को लक्ष्मण रेखा न लांघने की सलाह भी दी. लेकिन मेरा स्पष्ट मानना है कि जब शासन व्यवस्था जनहित की जिम्मेवारी नहीं निभाती है, तो एक शून्य उभरता...
More »आदिवासी विमर्श का दायरा- अनिल चमड़िया
जनसत्ता 25 नवंबर, 2013 : बढ़ता कृषक असंतोष, छिटपुट विस्फोटों से प्रकट हो रहा है- भू-स्वामियों के बढ़ते शोषण और दमन के विरोध में सशस्त्र प्रतिरोध की तरफ बढ़ता हुआ यह घटनाचक्र पूरे देश के पैमाने पर, विशेषकर आदिवासियों की तरफ फैलता जा रहा है।’ क्या शीर्षक (आदिवासी: शोषितों में सबसे बुरी स्थिति) समेत इन पंक्तियों के बारे में यह ठीक-ठीक अनुमान लगाया जा सकता है कि ये कब लिखी गई होंगी?...
More »संज्ञेय अपराध में प्राथमिकी दर्ज करना अनिवार्य- न्यायालय
उच्चतम न्यायालय ने आज व्यवस्था दी कि संज्ञेय अपराध में पुलिस के लिए प्राथमिकी दर्ज करना अनिवार्य है और ऐसे अपराध के लिए शिकायत मिलने पर मामला दर्ज नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि यदि पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने में अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई तो इसके सार्वजनिक...
More »साझी लूट साझी सियासत- कनक तिवारी
जनसत्ता 16 अक्तूबर, 2013 : सर्वोच्च अदालत के दो ताजा लागू फैसलों और केंद्रीय चुनाव आयोग के एक गैर-लागू निर्णय के बाद चुनावी भ्रष्टाचार के दलदल में रसूखदार राजनीतिकों के धंसने का नया युग शुरू हो गया है। न्यायमूर्ति अनंगकुमार पटनायक और न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की पीठ ने दस जुलाई के ऐतिहासिक निर्णय के जरिए यह कील ठोंक दी है कि दो वर्ष या इससे अधिक की सजा पाने वाला...
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