हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकेत दिया कि ऐसा कानूनी ढांचा तैयार किया जाएगा जिसके तहत चिकित्सकों को उपचार के लिए महंगी ब्रांडेड दवाओं की जगह जेनेरिक दवाएं (जो मूल दवा है और सस्ती होती है) ही लिखनी होंगी। उल्लेखनीय है कि बेहद महंगी दरों पर मिलने वाली ब्रांडेड दवाएं मरीजों और उनके तीमारदारों की जेब पर इतनी भारी पड़ती हैं कि अधिकांश तो पर्याप्त मात्रा में दवाएं...
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विकास सूचकांक में पिछड़ने की टीस--- जयश्री सेनगुप्ता
वर्ष 2016 को लेकर जारी की गई संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक सूची में कुल 188 देशों में भारत पिछले साल के 130वें स्थान से एक पायदान नीचे लुढ़ककर 131वें नंबर पर जा पहुंचा है, जबकि नॉर्वे को पहला स्थान मिला है। नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल की आखिरी तिमाही में नोटबंदी और इसके विपरीत असर के बावजूद हमारी कुल सकल आय यानी जीडीपी में 7.1 प्रतिशत की प्रभावशाली...
More »नौकरियां कहां हैं?-- संदीप मानुधने
एक सौ तीस करोड़ से अधिक की जनसंख्या के हमारे देश में हमें लगातार बताया गया है कि अधिकांश आबादी युवा है और यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है. यह तर्क मैंने 1997 के बाद से लगभग हर राजनेता को इस्तेमाल करते देखा. तब उम्मीदें आसमान तो छू रही थीं, क्योंकि वैश्वीकरण के चलते हर तरह की तरक्की का वादा हमसे हुआ था, (और कुछ हद तक वैसा हुआ भी)....
More »परिंदों के संग उड़कर आता बुखार--
तीन साल पहले भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को सूचित किया था कि उसके यहां बर्ड फ्लू का कोई नया मामला नहीं दिखा है, लिहाजा वह बर्ड फ्लू मुक्त देश है। ऐसी घोषणाओं के लिए डब्ल्यूएचओ की मंजूरी की जरूरत होती हो या नहीं, पर देश की राजधानी दिल्ली में बर्ड फ्लू से हुई दो दर्जन पक्षियों की मौतों ने साबित कर दिया है कि संक्रामक बीमारियों के वायरस...
More »उत्पादन बढ़ा तो पीडीएस के दायरे में आ सकती हैं दालें
नई दिल्ली। गरीबों को महंगाई की मार से राहत दिलाने तथा कुपोषण से लड़ने के लिए सरकार दालों को भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के दायरे में ला सकती है। इस संबंध में सरकार का निर्णय देश में दालों का उत्पादन और उपलब्धता बढ़ने पर निर्भर करेगा। दाल उत्पादन को बढ़ावा देने के उपायों पर विचार कर रही मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्माण्यम की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट में भी...
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