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जच्चा-बच्चा सर्वे: गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं का एक बड़ा हिस्सा अभी भी मातृत्व लाभ से वंचित है

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 मातृत्व लाभ के लिए गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा 6,000 रुपए/ - प्रति बच्चा की गारंटी देता है. इस अधिनियन में वह शामिल नहीं हैं, जो केंद्र सरकार या राज्य सरकारों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ या अन्य कानूनों के तहत नियमित रोजगार में रहते हुए इस तरह के लाभ उठा रहे हैं. एनएफएसए-2013 भी कानूनी...

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विश्व होम्योपैथी दिवस: हर दौर में भरोसेमंद

-आउटलुक, विश्व होम्योपैथी दिवस (10 अप्रैल) पर होम्योपैथी के जनक डॉ. हैनिमैन के जन्मदिवस पर शत् शत् नमन। होम्योपैथी को एक चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित करने का श्रेय डॉक्टर सैमुअल हैनिमैन को जाता है जिन्होंने जर्मनी में अठारहवीं सदी में होम्योपैथी को स्थापित किया। भारत में होम्योपैथी बहुत तेजी से लोकप्रिय हुआ और दूसरी चिकित्सा पद्धतियों के साथ रोगियों के रोगों के उन्मूलन में अग्रणी भूमिका निभाने लगा। भारत में...

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प्रश्न प्रदेश: योगी सरकार का चार साल का जश्न और गन्ना किसानों की परेशानी

-न्यूजक्लिक, चार दशकों में जो न हो पाया ......चार वर्षों में कर दिखाया           प्रधानमंत्री जी का विजन हो साकार....... काम दमदार योगी सरकार" क्योंकि पिछले कुछ दिनों से उत्तर (प्रश्न) प्रदेश की सरकार का यह प्रिय स्लोगन बना हुआ है, इसलिए शुरुआत इसी से करना बेहतर है। अब यह बताते चलें कि आखिर क्यों यह स्लोगन यूपी सरकार का प्रिय बना हुआ है, कारण है योगी सरकार का बीते...

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मनरेगा से बने चेकडैम से 10 गुणा तक बढ़ी ग्रामीणों की आमदनी

-डाउन टू अर्थ, जालौन जिले के मीगनी ग्राम पंचायत के तहत आने वाले हिम्मतपुरा और मीगनी गांव की तस्वीर बदलने में मनरेगा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसका सबसे अधिक फायदा दलित और वंचित तबकों को पहुंचा है। इसे हिम्मतपुरा गांव से समझा जा सकता है। गांव में सभी निवासी दलित समुदाय के हैं। इस गांव में साल 2004 में परमार्थ समाजसेवी संस्था की मदद से एक चेकडैम बनाया गया था।...

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आत्मनिर्भर खेती की ओर - बाबा मायाराम

“पहले मैं रासायनिक खेती करता था, लेकिन इससे धीरे-धीरे मेरे खेत की मिट्टी जवाब देने लगी, उत्पादन कम होने लगा। इसके बाद मैंने जैविक खेती शुरू की। जैविक खाद व जैव कीटनाशक बनाना सीखा। खेती में अच्छा उत्पादन लिया, मिट्टी में सुधार हुआ। अब मैं दूसरों को भी जैविक खेती करने के लिए प्रशिक्षण देता हूं।” यह ओडिशा के सुदाम साहू थे, जो बरगढ़ जिले के कांटापाली गांव में रहते...

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