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समझें आर्थिक सर्वेक्षण के इशारे-- मृणाल पांडे

बजट सत्र शुरू हुआ और सरकार का 500 पन्नेवाला ताजा आर्थिक सर्वेक्षण सोमवार को (संभवत: पहली बार) एक गुलाबी रंग की खुशनुमा जिल्द में लपेटकर संसद में पेश किया गया. बताया गया, गुलाबी रंग महिला शक्ति का प्रतीक है, मां तुझे सलाम! तब से जानकार लोग कह रहे हैं कि चुनाव का माहौल बनने लगा है और बहनों की आबादी कुल की पचास फीसदी यानी सबसे बड़ा वोट बैंक है....

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युवा केंद्रित बजट से मिलेगी मजबूती-- वरुण गांधी

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के 2017 के आंकड़ों के अनुसार भारत में आधिकारिक रूप से 1.8 करोड़ बेरोजगार हैं, जिनमें अधिकांश युवा हैं. श्रम और रोजगार मंत्रालय की बीते साल की रिपोर्ट बताती है कि संगठित क्षेत्र में रोजगार, कुल रोजगार का सिर्फ 10.1 फीसद है, जबकि हमारे 60 करोड़ से अधिक कामगारों को असंगठित क्षेत्र में रोजगार मिला हुआ है, जहां सीमित सामाजिक सुरक्षा मिलती है और न्यूनतम वेतन का...

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इस मर्ज की जड़ों पर करें प्रहार-- जगमति सांगवान

जहां एक तरफ़ पिछले दिनों हरियाणा लगातार अपनी बेटियों की खेल व अन्य क्षेत्रों में अभूतपूर्व उपलब्धियों को लेकर नाज करता रहा है वहीं इसी दौरान बेटियों के साथ दहला देने वाली यौन हिंसा की घटनाओं ने हर संवेदनशील नागरिक को झकझोर दिया है। ख़ासतौर पर नए साल की 13-14 तारीख के 48 घंटों में हुई चार बर्बर घटनाओं ने। यद्यपि जांच के आगे बढ़ते घटनाक्रमों में कई प्रकार के...

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नोटबंदी के तुरंत बाद दिहाड़ी मजदूरों ने सबसे ज्यादा गंवाये रोजगार के अवसर-- नई रिपोर्ट

नोटबंदी के तुरंत बाद के तीन महीनों में दिहाड़ी मजदूरों के रोजगार के अवसरों में सबसे ज्यादा कमी आई. इस तथ्य का खुलासा लेबर ब्यूरो की हाल की तिमाही रिपोर्ट से होता है. रिपोर्ट में चुनिन्दा क्षेत्रों में रोजगार के हालात का आकलन है. हालांकि अर्थव्यवस्था के आठ मुख्य क्षेत्रों में 1 जनवरी 2017 से 1 अप्रैल के बीच रोजगार के अवसरों में 1.85 लाख का इजाफा हुआ. रिपोर्ट के...

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बाल मजदूरी की जड़ें--- देवेन्द्र जोशी

भारत में बालश्रम एक समस्या तो है लेकिन विडंबना यह है कि यहां पहले से ही यह मान कर चला जाता है कि बच्चे इसलिए मजदूरी करते हैं कि इससे उनके परिवार का खर्च चलता है। यह तर्क अपने आप में इसलिए छलावा है कि इसको सच मान लेने का मतलब तो यह होगा कि सबसे गरीब परिवार के प्रत्येक बच्चे को स्कूल की पढ़ाई छोड़ कर काम पर लग...

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