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दोहरे प्रयासों से तेज होगा विकास - डॉ जयंतीलाल भंडारी

बीते सोमवार को जीएसटी कौंसिल की बैठक के बाद आगामी एक जुलाई से इस एकीकृत परोक्ष कर प्रणाली को लागू करने की बात कही गई है। चूंकि नोटबंदी के बाद सरकार देश की अर्थव्यवस्था को कैशलेस बनाने की ओर अग्रसर है, ऐसे में एक जुलाई से जीएसटी की शुरुआत मददगार होगी। साथ ही जीएसटी की तिथि व दरें सुनिश्चित हो जाने के कारण आगामी बजट में अप्रत्यक्ष कर का अनुमान...

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सुधार नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन तय करेगा भारत की रेटिंग : मूडीज

नयी दिल्ली : सरकार की सुधारों को क्रियान्वित करने तथा नीति को प्रभावी तरीके से लागू करने की क्षमता ही आने वाले समय में भारत की रेटिंग तय करेगा. मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने आज यह कहा. अमेरिकी एजेंसी ने कहा कि क्रियान्वित किये जा रहे सुधारों से मध्यम अवधि में देश की वृद्धि को गति मिलने की संभावना है. विदेशी निवेश प्रतिबंध में ढील, वस्तु एवं सेवा कर के पारित होने...

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नोटबंदी के बाद वर्ल्ड बैंक ने घटाई भारत की ग्रोथ रेट, 7% का अनुमान

विश्वबैंक ने नोटबंदी के बाद चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वद्धि दर के बारे में अपने अनुमान को घटा दिया है पर उसके अनुसार अब भी यह सात प्रतिशत के मजबूत स्तर पर रहेगी। पहले का अनुमान 7.6 प्रतिशत था। साथ ही विश्वबैंक ने यह भी कहा है कि आने वाले वर्षों में देश की वद्धि अपनी तेज लय पकड़ लेगी और 7.6 और 7.8 प्रतिशत के स्तर...

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नए संकट ज्यादा गंभीर हैं -- हिमांशु

पिछले साल की आखिरी शाम को दिया गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संदेश उन ऊंचाइयों तक पहुंचने में नाकाम रहा, जिसका प्रचार किया गया था। लोग बीते 50 दिनों से कठिनाइयों का डटकर सामना कर रहे थे। इन दिनों वे कतारों में लगे रहे और अपनी खरीदारी भी कम की। मुश्किलों से राहत मिलने की उम्मीद वे मोदी के भाषण से लगा रहे थे। उन्हें यह भी...

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जो महत्तम हैं, वे लघुत्तम क्यों!-- अनिल रघुराज

हर किसी का अपना-अपना आर्थिक जीवन है. वयस्क वर्तमान हैं, तो बच्चे भविष्य की तैयारी हैं. यहां तक कि बेरोजगारों का भी आर्थिक जीवन है, क्योंकि यहां सिर्फ कमाने या बनाने ही नहीं, खपत का भी योगदान है. हम अपने पास-पड़ोस के आर्थिक जीवन से भी वाकिफ रहते हैं. लेकिन, जब सारे देश की बात होती है, तो सब कुछ धुआं-धुआं हो जाता है. उसमें भी जब जीडीपी की चर्चा...

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