पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के रंजनडीह गांव में रहने वाली 55 वर्षीय साधमणि तुडु हर सुबह अपने खेत में जाने से पहले गांव में एक घर की दीवार पर लगा चाकबोर्ड देखना नहीं भूलतीं। तुडु कहती हैं, “पिछले चार साल से चाकबोर्ड देखना गांव से अधिकांश लोगों की आदत में शुमार हो चुका है।” यह चाकबोर्ड 2015 में कोलकाता स्थित गैर लाभकारी संगठन डेवलपमेंट रिसर्च कम्युनिकेशन एंड सर्विस सेंटर (डीआरसीएससी)...
More »SEARCH RESULT
‘सीआईसी के आदेश के बाद भी बैंक चंदा देने वालों के नाम छुपा रहे हैं, यानी कुछ गड़बड़झाला है’
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने उन लोगों के नाम बताने से इनकार कर दिया है जिन्होंने चुनावी बॉन्ड स्कीम के तहत अब तक इलेक्शन में चंदा देने के लिये एक करोड़ मूल्य वर्ग (डिनॉमिनेशन) वाले बॉन्ड खरीदे. महत्वपूर्ण है कि केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने दो दिन पहले ही केंद्र सरकार से यह बताने को कहा था कि किसने चुनावी बॉन्ड स्कीम में दानकर्ता की गोपनीयता की मांग की...
More »नए साल पर जलते-बंटते मुल्क में मीडिया-रुदन
पिछले ही हफ्ते ओलिंपिक खेलों में प्रवेश के लिए मुक्केबाज़ी का ट्रायल हुआ था. मशहूर मुक्केबाज़ मेरी कॉम ने निख़त ज़रीन नाम की युवा मुक्केबाज़ को हरा दिया. इस घटना से पहले और बाद में क्या-क्या हुआ, वह दूर की बात है. मुक्केबाज़ी के इस मैच और उसके नतीजे की ख़बर ही अपने आप में जिस रूप में सामने आयी, वह मुझे काम की लगी. किसी ने ट्विटर पर किसी...
More »जाति के समीकरण का टूटना- मनीषा प्रियम
गुरुवार को आए चुनावी नतीजे भारतीय लोकतंत्र के लिए काफी अहम हैं। नरेंद्र मोदी, भाजपा और उनका राष्ट्रवाद अब केंद्र में एकछत्र शासन कर सकने की स्थिति में हैं। कांग्रेसवाद और क्षेत्रवाद, दोनों का एक साथ पतन हुआ है। बेशक कभी इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस के लिए कहा जाता था कि वह ‘टीना' फैक्टर यानी ‘देअर इज नो अल्टरनेटिव टु इंदिरा गांधी' के कारण बार-बार जीतकर आती है,...
More »चौरासी के बदलते चेहरे और हम- शशिशेखर
एक शराबी ने मेरे पिता के शरीर पर मिट्टी का तेल डाला और आग लगाने के लिए माचिस की डिब्बी दिल्ली पुलिस के एसआई एन के कौशिक ने दी। उन्हें आग के हवाले कर दिया गया। उनका पूरा शरीर जल रहा था। मैं दूर खड़ी देख रही थी। पिता आग से बचने के लिए पास के नाले में कूद गए। दंगाइयों ने उन्हें बाहर निकाला और दोबारा उनकी देह में...
More »